उत्तराखंड के माणा गांव में हिमस्खलन: बचाव कार्य जारी

उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित माणा गांव और माणा दर्रे में हिमस्खलन की घटना सामने आई है। इस दौरान सीमा सड़क संगठन (BRO) के 57 मजदूर वहां निर्माण कार्य में लगे हुए थे। घटना के बाद स्थानीय प्रशासन और बचाव दल तुरंत हरकत में आ गए और राहत कार्य शुरू कर दिया गया।
मुख्यमंत्री ने लिया स्थिति का जायजा
हिमस्खलन की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने सभी संबंधित एजेंसियों को तेजी से राहत एवं बचाव कार्य संचालित करने के निर्देश दिए। साथ ही, बचावकर्मियों की सुरक्षा को भी प्राथमिकता देने को कहा।
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
घटनास्थल पर BRO, ITBP, NDRF और SDRF की टीमें राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। अब तक 32 मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया गया है, जबकि 25 मजदूरों को निकालने का कार्य तेजी से जारी है। हालांकि, पांच मजदूरों की हालत गंभीर बताई जा रही है।
बचाव कार्य में आ रही हैं कठिनाइयाँ
हिमस्खलन के कारण लगभग 7 फीट ऊँची बर्फ जमा हो गई है, जिससे राहत कार्य में बाधाएँ आ रही हैं। बावजूद इसके, बचाव दल युद्धस्तर पर राहत अभियान चला रहे हैं। चमोली जिले के प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग की टीम भी लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।
स्थानीय प्रशासन का प्रयास
चमोली जनपद प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, यह घटना बद्रीनाथ धाम से 6 किलोमीटर आगे हुई है। शाम 5:00 बजे तक 32 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया था, जबकि शेष मजदूरों को निकालने के लिए बचाव कार्य जारी है।
उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में हिमस्खलन की घटनाएँ आम हैं, लेकिन इस प्रकार की आपदाएँ कभी-कभी गंभीर रूप ले लेती हैं। प्रशासन और राहत एजेंसियाँ पूरी मुस्तैदी से कार्य कर रही हैं ताकि अधिक से अधिक लोगों की जान बचाई जा सके। सरकार द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, बचाव कार्य को प्राथमिकता दी जा रही है, और प्रभावित मजदूरों को हरसंभव चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जा रही है।