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उत्तराखंड है सनातनियों का हृदय: शंकराचार्य वासुदेवानंद

देहरादून

ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती सोमवार को प्रदेश की राजधानी देहरादून पहुंचे यहां सरस्वती विहार अजबपुर खुर्द में शिव शक्ति मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में सम्मिलित होते हुए उन्होंने कहा कि उत्तराखंड हर सनातनी का हृदय है कहा कि स्वयं मेरा शरीर चाहे कहीं भी रहे पर हृदय उत्तराखंड और ज्योर्तिमठ ही रहता है।
शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती सरस्वती विहार विकास समिति आज जयपुर खुर्द देहरादून के निवेदन पर कार्यक्रम में पहुंचे थे जहां उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा समारोह का शुभारंभ किया। प्राण प्रतिष्ठा समारोह का यह पांच दिवसीय समारोह आगामी 7 मार्च तक चलेगा इस दौरान विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान भी संपन्न होंगे।

समिति के अध्यक्ष पंचम सिंह बिष्ट एवं सचिव गजेंद्र भंडारी ने बताया की पूज्य शंकराचार्य जी के यहां पहुंचने से राजधानी ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश के सनातनियों का मान बढा है। उन्होंने कहा कि शंकराचार्य जी उनके एक निवेदन पर यहां पहुंचे इसके लिए वह शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती का आभार व्यक्त करते हैं। प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने 22 जनवरी को अयोध्या में संपन्न हुए भगवान श्री राम लला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का भी जिक्र किया उन्होंने कहा कि पहले पूरे भारतवर्ष में रामराज स्थापित हुआ और उसके बाद यहां यह प्राण प्रतिष्ठा समारोह संपन्न होना उत्तराखंड की जनता के लिए हर्ष का विषय है। शंकराचार्य के राजधानी पहुंचने पर यहां के लोगों ने उनका पारंपरिक वाद्य यंत्रों से स्वागत किया इस दौरान पौराणिक झलक भी दिखाई दी।
कार्यक्रम के दौरान ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने जोशीमठ में हो रहे भूस्खलन के विषय पर भी चिंता जताई है उन्होंने कहा कि वह प्रदेश के मुख्यमंत्री और देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पत्राचार कर जनहित में फैसला लेने को कहेंगे। शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती ने कहा कि जोशीमठ आद्य शंकराचार्य जी की तपस्थली होने के साथ-साथ भगवान बद्री विशाल की यात्रा का मुख्य पड़ाव है यदि जोशीमठ मुख्य धारा से कटता है तो यह सनातन धर्म की भावना पर प्रहार होगा। अंत में समिति के सभी पदाधिकारी में शंकराचार्य जी से आशीर्वाद लिया और उनके इस कार्यक्रम में आने पर आभार प्रकट किया, इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक उमेश शर्मा काउ जी, ज्योतिष पीठ पुरोहित ऋषि प्रसाद सती जी, क्षेत्र पार्षद विमल उनियाल जी, अखिल गढ़वाल सभा के अध्यक्ष रोशन धस्माना, अनुष्ठान यज्ञ आचार्य पंडित उदय शंकर भट्ट,समिति के अध्यक्ष पंचम सिंह बिष्ट सचिव गजेंद्र भंडारी वरिष्ठ उपाध्यक्ष बीएस चौहान उपाध्यक्ष कैलाश राम तिवारी मंदिर संयोजक मूर्ति राम बिजलवान सह संयोजक दिनेश जुयाल, पीठ संरक्षक भगवती प्रसाद कपरवाण, समिति के वरिष्ठ मंत्री अनूप सिंह फर्त्याल कोषाध्यक्ष विजय सिंह रावत, कनिष्ठ मंत्री सुबोध मैठानी, प्रचार सचिव सोहन सिंह रौतेला, मंगल सिंह कुट्टी, जयप्रकाश सेमवाल, सी एम पुरोहित, जयपाल सिंह बर्तृवाल, बीपी शर्मा, दीपक काला, अखिलेश नैथानी, अजय तड़ियाल, उपेंद्र अथंवाल, बसंत सिंह, आचार्य उदय प्रकाश नौटियाल, आचार्य सुशांत जोशी, आचार्य अखिलेश बधानी, आदि उपस्थित थे।

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