वक्फ संशोधन विधेयक पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की आपत्ति, राष्ट्रपति से मिलने का मांगा समय
कहा – "धार्मिक स्वतंत्रता और स्वायत्तता से जुड़े प्रावधानों पर पुनर्विचार आवश्यक"

नई दिल्ली। वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 को संसद के दोनों सदनों से पारित किए जाने के बाद अब ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने इस पर गहरी आपत्ति जताई है और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात कर अपनी चिंताएं व्यक्त करने के लिए समय मांगा है। बोर्ड का कहना है कि विधेयक के कुछ प्रावधान मौलिक अधिकारों और धार्मिक संस्थाओं की स्वायत्तता के खिलाफ हैं।
“संविधान के मूल सिद्धांतों से असंगत” – AIMPLB
बोर्ड के महासचिव मौलाना फजलुर रहिम मुजद्ददी द्वारा राष्ट्रपति को भेजे गए पत्र के हवाले से प्रवक्ता डॉ. एस.क्यू.आर. इलियास ने कहा कि,
“वक्फ संस्थाओं के प्रशासन और स्वतंत्रता में जो बदलाव प्रस्तावित किए गए हैं, वे भारत के संविधान में प्रदत्त धार्मिक स्वतंत्रता, समानता और धार्मिक संस्थाओं की सुरक्षा के सिद्धांतों के विरुद्ध हैं।”
बोर्ड का कहना है कि विधेयक में गैर-मुस्लिम सदस्यों को वक्फ बोर्ड में शामिल करने का निर्णय, और बोर्ड की प्रशासनिक स्वायत्तता में सरकारी दखल, मुस्लिम समाज की धार्मिक भावनाओं और व्यवस्थाओं को प्रभावित कर सकता है।
राष्ट्रपति से मांग – “पुनर्विचार का अवसर दें”
पत्र में राष्ट्रपति से यह आग्रह किया गया है कि वे विधेयक पर अपनी सहमति देने से पूर्व, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को अपनी बात रखने का अवसर दें।
“हम चाहते हैं कि इस विधेयक से जुड़े प्रावधानों पर व्यापक चर्चा हो और ऐसा कोई कानून न बने जो किसी समुदाय की धार्मिक स्वतंत्रता और उनकी संस्थाओं की पहचान को प्रभावित करे,” पत्र में कहा गया।
पारित हो चुका है विधेयक, राष्ट्रपति की मंजूरी शेष
उल्लेखनीय है कि यह विधेयक पहले ही लोकसभा और फिर शुक्रवार तड़के राज्यसभा से पारित हो चुका है। राज्यसभा में यह विधेयक 128 मतों के समर्थन और 95 मतों के विरोध के साथ पास हुआ। अब इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा गया है, जिसके बाद यह कानून का रूप ले लेगा।
सरकार का पक्ष – “समावेशी बनाने की कोशिश”
सरकार की ओर से अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने स्पष्ट किया है कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय के व्यापक हित के लिए लाया गया है और इसका उद्देश्य वक्फ बोर्डों में पारदर्शिता, जवाबदेही और समावेशिता सुनिश्चित करना है। उन्होंने यह भी कहा कि वक्फ संपत्तियों में किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा।