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19 doctors who bought fake BAMS degree on SIT’s radar
BSMS की जाली डिग्री खरीदने वाले 19 और फर्जी डाक्टर एसआइटी के रडार पर हैं। गिरफ्तारी से पहले SIT ने भारतीय चिकित्सा परिषद से इनके पंजीकरण के संबंध में जानकारी मांगी है। यह पता करवाया जा रहा है कि इनके पंजीकरण रद्द किए गए थे, या नहीं। यदि रद्द किए गए तो किन कारणों से किए गए।
प्रकरण में SIT अब तक 14 आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है। इनमें गिरोह के सरगना कालेज संचालक इमलाख उसका भाई इमरान, भारतीय चिकित्सा परिषद के तीन कर्मचारी और कुछ फर्जी डाक्टर शामिल हैं। प्रकरण में शामिल अन्य की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमें दबिश दे रही हैं।
एक या दो दिनों में पुलिस कुछ अन्य को गिरफ्तार कर सकती है। सीओ नेहरू कालोनी अनिल जोशी के अनुसार, जाली डिग्री प्रकरण में 19 और फर्जी डाक्टर पुलिस के निशाने पर हैं। ये जाली डिग्रियों पर क्लीनिक खोलकर प्रैक्टिस कर रहे हैं। गिरोह के सरगना इमलाख ने जिन-जिन को जाली डिग्रियां बेची हैं, उनकी जांच की जा रही है।
भारतीय चिकित्सा परिषद के तीन कर्मचारियों की गिरफ्तारी के बाद एसआइटी ने इस मामले में भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा और जोड़ दी है। अब मामले की जांच सीओ अनिल शर्मा को सौंपी गई है।
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लाखों रुपये देकर जाली डिग्री खरीदने वाले व्यक्तियों के अलावा चिकित्सा परिषद के कुछ अन्य कर्मचारी भी एसआइटी के रडार पर हैं। एसपी क्राइम सर्वेश पंवार के अनुसार, जल्द ही अन्य की गिरफ्तारी हो सकती है।