
देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सोमवार को हुई उत्तराखंड कैबिनेट बैठक में कुल 8 महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। बैठक में महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC), राज्य स्थापना दिवस पर होने वाले विधानसभा सत्र और अन्य कई बड़े फैसलों पर चर्चा हुई और निर्णय लिए गए।
महिला सशक्तिकरण और बाल विकास पर बड़ा निर्णय
कैबिनेट ने महिला सशक्तिकरण और बाल विकास विभाग के तहत मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को पूर्ण आंगनबाड़ी केंद्रों में परिवर्तित करने का निर्णय लिया। इस कदम के लिए केंद्र सरकार की सहमति भी प्राप्त हो चुकी है।
इसके साथ ही सुपरवाइजर नियमावली में संशोधन किया गया है। अब सुपरवाइजर पदों में 50 प्रतिशत सीटें आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के लिए आरक्षित होंगी, जिससे जमीनी स्तर की कार्यकर्ताओं को पदोन्नति के अवसर मिलेंगे और उन्हें प्रशासनिक जिम्मेदारी निभाने का मौका मिलेगा।
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार
कैबिनेट ने स्वास्थ्य विभाग के कई प्रस्तावों को भी मंजूरी दी। इसमें राज्य के सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में आवश्यक इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधार, स्वास्थ्य कर्मियों की भर्ती और आपातकालीन सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाने के उपाय शामिल हैं।
यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) पर निर्णय
बैठक में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) पर भी चर्चा हुई और इसे लागू करने के लिए आवश्यक प्रारंभिक कदम उठाने का निर्देश दिया गया। इससे राज्य में नागरिकों के लिए समान कानूनी ढांचा सुनिश्चित होगा।
राज्य स्थापना दिवस और विधानसभा सत्र से जुड़े फैसले
राज्य स्थापना दिवस पर होने वाले विधानसभा सत्र और उससे संबंधित योजनाओं की तैयारी भी बैठक में समीक्षा की गई। सभी विभागों को निर्देश दिए गए कि वे कार्यक्रम की तैयारियों को समयबद्ध तरीके से पूरा करें।
अन्य महत्वपूर्ण निर्णय:
शिक्षा विभाग के लिए नई शैक्षणिक नीतियों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों को मंजूरी
ग्रामीण विकास परियोजनाओं के लिए अतिरिक्त बजट और संसाधनों की स्वीकृति
जल संरक्षण और सिंचाई परियोजनाओं के कार्यों में तेजी लाने के निर्देश
राज्य में डिजिटल और ई-गवर्नेंस सेवाओं का विस्तार
कैबिनेट बैठक में अधिकारियों और मंत्रियों ने सभी प्रस्तावों पर चर्चा कर उनका लाभ और प्रभावकारिता सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ये निर्णय राज्य के विकास, नागरिक कल्याण और महिला सशक्तिकरण के लिए मील का पत्थर साबित होंगे।