देहरादून
राकेश मित्तल जोकि जय मिष्ठान भंडार के मालिक है इनके दादा सन् 1923 को मथुरा से देहरादून आये थे वहाँ से आने के बाद उन्होंने किराये पर दुकान ली थी उस समय उन्होंने जलेबी का कार्य शुरू किया था उनकी जलेबी की बिक्री इतनी थी कि लोगों के दो दो घंटे में नंबर आते थे सन् 1951 में दुकान जब इनके पिता और ताऊ के हाथो में आयी तब जय मिष्ठान भंडार का नाम दिया गया उसके बाद इनके ताऊ ने मावे और नमकीन का होलसेल का कार्य शुरू किया इनके मावे की सप्लाई पूरे उत्तराखण्ड में जारी है सन् 2010 से यह पूरी दुकान का कार्य संभालते है जब से यह अकेले कार्य सम्भाल रहे है तबसे इन्होंने नमकीन की होलसेल सप्लाई बंद की हुई है