उत्तराखंड

जंगलों की आग में झुलसे पति-पत्नी मौतः अल्मोड़ा जिले के सोमेश्वर वन विभाग में हुई घटना; अब तीन मजदूरों ने तोड़ा दम

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उत्तराखंड के जंगलों में भड़क रही आग अब मजदूरों की जान पर आ गई है। आग में झुलसने पर पति-पत्नी समेत तीन मजदूरों की जान चली गई। जबकि एक महिला मजदूर अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही है। इनमें से एक नेपाली मूल के मजदूर दीपक पुजारा की गुरुवार रात को ही मौत हो गई थी। जबकि उसकी पत्नी तारा ने शुक्रवार रात हल्द्वानी के एसटीसी में दम तोड़ दिया है। तीसरे मजदूर ज्ञान बहादुर की भी देर रात बेस अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई है। ज्ञान बहादुर की पत्नी पूजा का उपचार चल रहा है। यह तीनों मजदूर जंगलों में आग बुझाने के दौरान बुरी तरह से झुलस गए थे

एक महिला का अस्पताल में चल रहा इलाज

घटना अल्मोड़ा जिले के सोमेश्वर वन विभाग क्षेत्र की है। यहां चारों मजदूर सोमेश्वर के स्यूनराकोट के जंगलों में आग बुझा रहे थे। आग इतनी विकराल थी कि चारों मजदूर आग की चपेट में आ गए, जहां नेपाली मूल के मजदूर दीपक पुजारा गंभीर रूप से आग में झुलस गए और उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि उसके अलावा तीन मजदूर तारा ज्ञान बहादुर और पूजा आज में झुलसने से बुरी तरह से घायल हुए थे। जिनको बेस अस्पताल पहुंचाया गया था लेकिन इनमें से तीन मजदूरों की मौत हो गई। वन मंत्री सुबोध उनियाल ने तीनों मजदूरों की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया है।

सीएम ने बुलाई हाई लेबल मीटिंग

उधर जंगलों में आग की घटनाओं को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपात बैठक बुलाई है। सीएम दिल्ली से ही आग की घटनाओं को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से समीक्षा करेंगे।

सीएम ने वन मुख्य सचिव, प्रमुख वन संरक्षक (हॉप) और डीजीपी को सख्त नितेश दिए हैं कि वन अग्नि से प्रभावित जिलों में आग बुझाने के लिए प्रभावी कार्य योजना बनाई जाए। जिन मजदूरों और वनकर्मियो को आग बुझाने के लिए लगाया गया है उनकी सुरक्षा का भी विशेष ख्याल रखा जाए।

आग के धुएं से लोगों को हो रही है परेशानियांप्र

प्रदेश भर में अब तक आग लगने की 868 घटनाएं सामने आई है, जिनमें 1086 हेक्टर जंगल आग की चपेट में आ चुका है। शुक्रवार को प्रदेश भर में 64 जगह जंगल जले हैं। जंगलों में आग की वजह से धुंआ इतना ज्यादा फैल रहा है कि आबादी वाले क्षेत्रों में लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत हो रही है, आंखों में जलन, एलर्जी और सांस के रोगियों को ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

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