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IND vs SA: फाइनल में टॉस हारने वाली टीम महज एक बार बनी चैंपियन, खिताबी मुकाबले में चेज करना रहा है ज्यादा आसान

भारत ने 2007 में पहले संस्करण में ट्रॉफी अपने नाम की थी। वहीं, दक्षिण अफ्रीका की टीम अपने पहले विश्व कप की तलाश में है। बारबाडोस में टॉस का क्या रिकॉर्ड रहा है और टी20 विश्व कप के पिछले आठ संस्करणों में टॉस ने क्या भूमिका निभाई है, आइए इस पर नजर डालते हैं…

टी20 विश्व कप 2024 का फाइनल आज भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच बारबाडोस में खेला जाएगा। इस मैच में टॉस की भूमिका अहम रह सकती है। टी20 विश्व कप का यह नौवां संस्करण है और पिछले आठ संस्करण में टॉस को लेकर कुछ ऐसे नतीजे हैं जो आपको हैरान कर देगा। यह जानकर आपको हैरानी होगी कि टॉस जीतने वाली टीमों ने 87.5 प्रतिशत बार चैंपियनशिप अपने नाम की है। वहीं, टॉस हारकर सिर्फ एक टीम ही चैंपियन बन पाई है।

इतना ही नहीं फाइनल में टीमें चेज करते हुए सबसे ज्यादा बार चैंपियन बनी हैं। भारत अपने दूसरे टी20 खिताब के लिए उतरा है। उसने 2007 में पहले संस्करण में ट्रॉफी अपने नाम की थी। वहीं, दक्षिण अफ्रीका की टीम अपने पहले विश्व कप की तलाश में है। बारबाडोस में टॉस का क्या रिकॉर्ड रहा है और टी20 विश्व कप के पिछले आठ संस्करणों में टॉस ने क्या भूमिका निभाई है, आइए इस पर नजर डालते हैं…

बारबाडोस के केनसिंगटन ओवल मैदान ने मौजूदा टी20 विश्व कप में अब तक आठ मैचों की मेजबानी की है, जिसमें से छह मैचों का नतीजा निकला है। पहले और बाद में बल्लेबाजी करने वाली टीमों ने तीन-तीन मैच जीते हैं, जबकि एक मैच टाई में समाप्त हुआ है। केंसिंग्टन ओवल टूर्नामेंट का तीसरा सबसे तेज स्कोरिंग मैदान है, जिसमें 7.78 प्रति ओवर की दर से रन आते हैं। केवल सेंट लूसिया के डैरेन सैमी नेशनल क्रिकेट स्टेडियम और एंटीगुआ के सर विवियन रिचर्ड्स स्टेडियम ने इस टी20 विश्व कप संस्करण में बल्लेबाजों को बारबाडोस से ज्यादा तेजी से रन बटोरते देखा गया है। इस मैदान पर अब तक कुल 29 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले गए हैं। इनमें 19 में पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम ने जीत हासिल की है। हालांकि, यहां हुए पिछले दो मैच चेजिंग टीम ने जीते हैं।

 

केनसिंगटन ओवल में टी20 अंतरराष्ट्रीय के आंकड़े

कुल मैच: 32

पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम जीती: 19

चेज करने वाली टीम जीती: 10

टाई: 1

कोई परिणाम नहीं: 2

पहली पारी का औसतन स्कोर: 159

उच्चतम स्कोर: वेस्टइंडीज 224/5 (20) बनाम इंग्लैंड (2022)

न्यूनतम स्कोर: अफगानिस्तान 80 (16) बनाम दक्षिण अफ्रीका (2010)

पिच रिपोर्ट

यहां की पिच स्पिन की तुलना में तेज गेंदबाजी के लिए अधिक अनुकूल रही है। तेज गेंदबाजों ने 20.22 की औसत से 59 विकेट लिए हैं, जबकि स्पिनरों ने 26.40 की औसत से केवल 32 विकेट हासिल किए हैं। हालांकि, स्पिनर्स इस मैदान पर किफायती रहे हैं और 7.28 की इकोनॉमी से रन लुटाए हैं, जबकि तेज गेंदबाजों की इकोनॉमी रेट 7.88 की रही है।

 

सतह काफी हद तक बल्लेबाजी के लिए अच्छी रही है, हालांकि तेज गेंदबाजों को नई गेंद से शुरू में कुछ मदद मिल सकती है क्योंकि यह सुबह का मैच है। संयुक्त राज्य अमेरिका और इंग्लैंड के बीच यहां आयोजित आखिरी मैच में लगभग समान दूरी की सीमाएं (64 मीटर और 62 मीटर) थीं, जबकि सीधी बाउंड्री 74 मीटर लंबी थी।

टॉस फैक्टर

टॉस जीतने वाली टीम ने इस मैदान पर पूरे हुए 29 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में से 18 जीते हैं। टीमों ने यहां 13 बार पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया है और उनमें से 10 मैच जीते हैं। दूसरी ओर टीमों ने केनसिंगटन ओवल में 19 मौकों पर पहले गेंदबाजी करने का विकल्प चुना है और इनमें से सिर्फ आठ मैच जीतने में कामयाब हुए हैं, जबकि नौ बार टीमों का हार का सामना करना पड़ा।

 

मौजूदा टूर्नामेंट में केनसिंगटन ओवल में कुल आठ मैच खेले गए और छह के नतीजे आए। टॉस जीतने वाली टीम ने छह में से तीन मैच जीते। आठ मैचों में से तीन मौकों पर कप्तानों ने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया है, जबकि पांच मौकों पर चेज करने का विकल्प चुना। पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम ने तीन में से एक मैच जीता है, जबकि पीछा करने वाली टीम ने पांच मैचों में से तीन में जीत हासिल की है।

टी20 विश्व कप में पिछले आठ संस्करण में से तीन बार ऐसा हुआ है जब कप्तानों ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया हो। इनमें 2007 में भारत, 2009 में श्रीलंका और 2012 में वेस्टइंडीज की टीम शामिल हैं। वहीं, पांच मौकों पर कप्तानों ने टॉस जीतकर चेज करने का फैसला किया। हालांकि, पहले बल्लेबाजी करते हुए सिर्फ भारत (2007) और वेस्टइंडीज (2012) ने ही फाइनल जीता है। वहीं, छह बार चेज करने वाली टीमों ने खिताबी मुकाबले को अपने नाम किया। इनमें पाकिस्तान (2009), इंग्लैंड (2010), श्रीलंका (2014), वेस्टइंडीज (2016), ऑस्ट्रेलिया (2021) और इंग्लैंड (2022) शामिल हैं।

हालांकि, बात की जाए टॉस जीतकर विश्व कप जीतने वाली टीमों की तो आठ संस्करणों में सात बार ऐसा हुआ है जब टॉस जीतने वाली टीम ने खिताब अपने नाम किया हो। सिर्फ एक बार 2009 में पाकिस्तान की टीम टॉस हारकर भी चैंपियन बनी थी। टॉस जीतकर चैंपियन बनने वाली टीमों में भारत (2007), इंग्लैंड (2010), वेस्टइंडीज (2012), श्रीलंका (2014), वेस्टइंडीज (2016), ऑस्ट्रेलिया (2021) और इंग्लैंड (2022) शामिल हैं। भारत ने 2007 टी20 विश्व कप के फाइनल में टॉस जीता था और तब कप्तान रहे महेंद्र सिंह धोनी ने पाकिस्तान के खिलाफ पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था। टीम इंडिया ने वह मैच पांच रन से अपने नाम किया था।

टी20 विश्व कप 2024 में टॉस में रोहित-मार्करम का रिकॉर्ड

भारत ने टी20 विश्व कप 2024 में अब तक सात मैच जीते हैं, जबकि एक मुकाबला बिना टॉस हुए रद्द हो गया था। भारतीय कप्तान रोहित शर्मा के लिए इस संस्करण में टॉस का नतीजा मिला जुला रहा है। हिटमैन ने इस टी20 विश्व कप में सात मैचों में तीन बार टॉस जीता है। दो बार रोहित ने पहले गेंदबाजी का और एक बार पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। भारत ने सात मैचों में पांच बार पहले बल्लेबाजी की है, जबकि दो बार लक्ष्य का पीछा किया है। वहीं, बात करें दक्षिण अफ्रीका की तो उसके कप्तान एडेन मार्करम ने आठ मैचों में तीन बार टॉस जीता है। मार्करम ने दो बार पहले गेंदबाजी और एक बार पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। दक्षिण अफ्रीका ने इस टी20 विश्व कप में चार बार पहले बल्लेबाजी की है, जबकि चार बार इस टीम ने लक्ष्य का पीछा किया है।

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