पंजाब में रविवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। धरती के दस किलोमीटर नीचे हुई हलचल के कारण भूकंप आया है। भूकंप का केंद्र भूकंपीय जोन-IV में दर्ज किया गया है। इस क्षेत्र में भूकंप का खतरा बना रहता है।
पंजाब के होशियारपुर में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.6 मैग्नीट्यूड दर्ज की गई है। शाम चार बजकर 14 मिनट पर धरती के दस किलोमीटर नीचे हुई हलचल के कारण ये भूकंप की गतिविधि दर्ज की गई है। तीव्रता अधिक न होने के कारण कम क्षेत्र में ही इसके झटके महसूस किए गए हैं।
भूकेंप का केंद्र होशियारपुर जिले के कस्बे हारिआना (Hariana) के करीब रहा। यह क्षेत्र भूकंप के लिए संवेदनशील है और भूकंप आने के खतरे की दृष्टि से जोन चार में आता है। हरियाणा के झज्जर में शनिवार शाम को बेरी के महराणा के पास 4 बजकर 53 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं।
भूकंप की तीव्रता 2.3 दर्ज की गई है। किसी प्रकार का कोई जान माल का नुकसान नहीं हुआ है। धरती के पांच किलोमीटर नीचे हलचल हुई है। भूकंप का केंद्र झज्जर शहर से 10 किमी उत्तर में और नई दिल्ली से 53 किमी पश्चिम में रहा है।
यह है भूकंप का कारण
जमीन के नीचे एक फॉल्ट लाइन होती हैं। इनमें अनगिनत दरारें हैं। इन दरारों में गतिविधियां होने पर प्लेट मूवमेंट (धरती के नीचे का क्षेत्र) करती हैं। इसके आपस में हल्की सी टकराने पर ही कंपन पैदा होती है। यह कभी भी कहीं भी हो सकता है। इसी वजह से भूकंप के झटके महसूस होते हैं।
भूकंप रोधी तकनीक से कम ऊंचाई वाले मकान बनाएं
ऐसे में क्षेत्र में लोगों को भूकंप रोधी पदार्थ से मकान बनाने चाहिए। लोगों को दो या तीन मंजिल से अधिक ऊंचे मकान नहीं बनाने चाहिए। मकान बनाने से पहले मिट्टी की जांच व भूकंप संबंधी अन्य बातों को जानना जरूरी है। मकान हल्के व मजबूत होने चाहिए।
खतरे के हिसाब से चार जोन में बांटा गया है भू क्षेत्र
भूकंपीय जोनिंग मैप के अनुसार भूकंप को चार जोन्स में बांटा गया है। होशियारपुर का ज्यादातर क्षेत्र जोन चार में आता है। भारत में भूकंप को चार जोन में बांटा गया है। जिसमें जोन दो, तीन, चार और पांच शामिल है। इसको खतरों के हिसाब से आंका जाता है। जोन दो में सबसे कम खतरा और जोन पांच में सबसे अधिक खतरा होता है। मैप में जोन दो को आसमानी रंग, जोन तीन को पीला रंग, जोन चार को संतरी रंग और जोन पांच को लाल रंग दिया गया है।