उत्तराखंड में स्मार्ट मीटर को लेकर चल रहे विवाद पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विपक्ष को आड़े हाथों लिया है। विपक्ष द्वारा इस योजना का विरोध किए जाने पर सीएम धामी ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए इसे केंद्र सरकार की योजना बताया। उन्होंने कहा कि विपक्ष उन लोगों का समर्थन कर रहा है जो अवैध रूप से बिजली की कटिया डालते हैं और प्रदेश में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या समुदाय के पक्ष में खड़ा नजर आ रहा है।
मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जब आज हर व्यक्ति के हाथ में स्मार्टफोन हो सकता है, तो स्मार्ट मीटर क्यों नहीं लगाए जा सकते? उन्होंने कहा कि यह योजना बिजली उपभोक्ताओं के हित में है और इससे पारदर्शिता बढ़ेगी। उन्होंने विपक्ष पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार की योजनाओं का विरोध करना विपक्ष की आदत बन चुकी है।
गौरतलब है कि विपक्ष का तर्क है कि स्मार्ट मीटर से बिजली के बिल अनियंत्रित हो सकते हैं और आम जनता पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ बढ़ सकता है। हालांकि, सरकार का दावा है कि यह प्रणाली उपभोक्ताओं को वास्तविक खपत के अनुसार बिल भुगतान करने में मदद करेगी और बिजली चोरी पर भी लगाम लगेगी।
इस मुद्दे को लेकर प्रदेश में राजनीति तेज हो गई है और आगे भी सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिल सकती है।