उत्तराखंड के 20 किसान कर्नाटक और महाराष्ट्र के अध्ययन भ्रमण पर रवाना

देहरादून, उत्तराखंड – राज्य के 13 जनपदों से चुने गए 20 उत्कृष्ट किसान कर्नाटक और महाराष्ट्र के अध्ययन भ्रमण के लिए रवाना हो गए हैं। सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने हरी झंडी दिखाकर इस दल को विदा किया। यह अध्ययन भ्रमण सहकारिता, बागवानी, मत्स्य, दुग्ध उत्पादन और बहुउद्देशीय सहकारी समितियों के संचालन की बारीकियों को समझने के लिए आयोजित किया गया है।
इस दौरे का मुख्य उद्देश्य किसानों को अन्य राज्यों में सहकारिता और कृषि तकनीकों के सफल मॉडल से परिचित कराना है। भ्रमण के बाद ये किसान अपने जनपदों में गोष्ठियों के माध्यम से अन्य किसानों को प्रशिक्षित करेंगे और मास्टर ट्रेनर की भूमिका निभाएंगे। इससे उत्तराखंड के किसानों को आधुनिक तकनीकों और सहकारिता संगठनों के सफल कार्यप्रणाली की जानकारी मिलेगी, जिससे उनकी उत्पादकता और आय में वृद्धि होगी।
सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत का संदेश
डॉ. धन सिंह रावत ने किसानों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि “हमारा लक्ष्य प्रदेश के किसानों को आत्मनिर्भर बनाना और सहकारिता आंदोलन को मजबूत करना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह का भी यही उद्देश्य है कि देश के किसान आधुनिक तकनीकों से जुड़ें और आत्मनिर्भर बनें।”
उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष गुजरात और हिमाचल प्रदेश के अध्ययन भ्रमण से किसानों को अत्यधिक लाभ हुआ था, और इस बार महाराष्ट्र एवं कर्नाटक के भ्रमण से भी प्रदेश के किसानों को नई सीख मिलेगी।किसान दिल्ली तक सड़क मार्ग से जाएंगे और फिर दिल्ली एयरपोर्ट से हवाई मार्ग द्वारा कर्नाटक एवं महाराष्ट्र पहुंचेंगे।
- 13 किसान कर्नाटक और 7 किसान महाराष्ट्र के अध्ययन भ्रमण पर भेजे गए हैं।
- किसानों के साथ 2-2 विभागीय अधिकारी भी यात्रा करेंगे, जो अध्ययन भ्रमण की रिपोर्ट तैयार करेंगे।
कर्नाटक में अध्ययन भ्रमण:
- बेंगलुरु मिल्क यूनियन हॉर्टिकल्चर कोऑपरेटिव मार्केटिंग सोसायटी
- होसाकोट तूलक फिसरी कोऑपरेटिव सोसायटी
- श्री वेंकटेश्वर पोल्ट्री समिति
- बेंगलुरु कोऑपरेटिव सोसाइटी
महाराष्ट्र में अध्ययन भ्रमण:
- आदित्य फिशरी कोऑपरेटिव सोसायटी
- नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ कोऑपरेटिव मैनेजमेंट, पुणे
- संत तुकाराम कोऑपरेटिव शुगर फैक्ट्री
इस अध्ययन भ्रमण के बाद किसान नई तकनीकों को अपनाकर अपनी कृषि एवं दुग्ध उत्पादन में सुधार कर सकेंगे। साथ ही, वे अन्य किसानों को प्रशिक्षित कर उत्तराखंड के कृषि क्षेत्र को और मजबूत बनाएंगे। राज्य सरकार का मानना है कि ऐसे कार्यक्रम किसानों की आय को दोगुना करने और सहकारिता को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
इस मौके पर निबंधक सहकारिता सोनिका, प्रादेशिक कोऑपरेटिव यूनियन के प्रबंध निदेशक नीरज बेलवाल, आईसीएम के निर्देशक अनिल तिवारी, पूर्व जिला सहकारी बैंक टिहरी के अध्यक्ष सुभाष रमोला, और अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।