उत्तराखंड

ऋषिकेश में महिला आयोग की जनसुनवाई, पीड़ित महिलाओं की शिकायतों पर हुई त्वरित कार्रवाई

उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने आज ऋषिकेश थाने में पहुंचकर जनसुनवाई आयोजित की और महिलाओं की समस्याएं सुनीं। इस दौरान उन्होंने करीब दस मामलों में तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए, जबकि कुछ मामलों को आयोग की काउंसलिंग सेल में भेजा गया।

निरीक्षण के दौरान कुसुम कण्डवाल ने थाने के महिला हेल्प डेस्क और शिकायत पंजिका की समीक्षा की। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों से महिला संबंधित मामलों की केस डायरी की जानकारी ली और काउंसलिंग सेल को निर्देश दिए कि पीड़िताओं के साथ संवेदनशील और सौहार्दपूर्ण व्यवहार किया जाए।

कण्डवाल ने स्पष्ट किया कि सभी अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वे पीड़ित या शिकायतकर्ता की बात गंभीरता से सुनें और तथ्यों के आधार पर न्यायोचित कार्रवाई सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि प्रशासन को चाहिए कि वह असहाय और पीड़ित महिलाओं को सहज रूप से न्याय दिलाने में मदद करें।

अध्यक्ष ने बताया कि घरेलू हिंसा के बढ़ते मामलों को लेकर आयोग लगातार सक्रिय है। उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य है कि महिलाओं को कानूनी मदद सरल, सुरक्षित और गोपनीय तरीके से उपलब्ध हो। जरूरत पड़ने पर आयोग काउंसलिंग के जरिए पारिवारिक मामलों का समाधान करता है, लेकिन जब किसी महिला के साथ अत्याचार होता है तो दोषियों पर कड़ी कार्रवाई भी सुनिश्चित की जाती है।”

कुसुम कण्डवाल ने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार महिला सुरक्षा को लेकर गंभीर है और आयोग की ओर से समय-समय पर जनसुनवाई आयोजित की जाती है, ताकि महिलाओं को न्याय मिल सके।

इस अवसर पर थानाध्यक्ष प्रदीप सिंह राणा, वरिष्ठ उप निरीक्षक विनोद कुमार, उप निरीक्षक नमिता सैनी, पार्षद माधवी गुप्ता, रुचि जैन, हेमा कौशिक और प्रकान्त कुमार समेत कई अधिकारी व जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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