
बठिंडा (पंजाब)। पंजाब के बठिंडा जिले से दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां एयरफोर्स स्टेशन भिसियाना में तैनात सेना के नायक सोनू यादव ने आत्महत्या कर ली। मंगलवार रात को जहर खाकर जान देने से पहले सोनू ने एक वीडियो रिकॉर्ड किया, जिसमें उन्होंने भारतीय वायुसेना में तैनात पांच अधिकारियों व कर्मियों को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया। इस घटना ने सैन्य प्रतिष्ठान के भीतर न्याय और पीड़ितों के साथ व्यवहार को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पत्नी से छेड़छाड़ बना आत्महत्या की वजह
मृतक जवान सोनू यादव की पत्नी के साथ कथित रूप से हवलदार सतीश द्वारा की गई अश्लील हरकतों और आपत्तिजनक इशारों ने इस पूरे मामले की शुरुआत की। सोनू ने इस घटना की शिकायत अपने उच्चाधिकारियों से की थी। लेकिन इंसाफ की जगह उसे ही प्रताड़ित किया जाने लगा। पिता सुरेश कुमार के अनुसार, सोनू इस पूरे मामले से बेहद आहत और मानसिक रूप से परेशान था।
उच्चाधिकारियों ने नहीं किया सहयोग, उल्टा बनाया दबाव
पिता सुरेश कुमार का कहना है कि जब सोनू ने हवलदार सतीश के खिलाफ शिकायत की तो एयरफोर्स स्टेशन के चीफ वर्कर्स इंजीनियर एस के पांडे, सहायक विकास गांधी, सहायक तेज राम मीना और हवलदार राजीव ने आरोपी सतीश का साथ देना शुरू कर दिया।
न्याय दिलाने के बजाय, उन्होंने सोनू पर ही आरोप वापस लेने का दबाव बनाना शुरू कर दिया। यहां तक कि उसे क्वार्टर खाली करने की धमकी भी दी गई। लगातार बढ़ते मानसिक दबाव और उत्पीड़न से टूट चुके सोनू ने 20 मई को रेलवे लाइन, बादल रोड के पास जहर खा लिया।
आत्महत्या से पहले किया वीडियो रिकॉर्डिंग
जहर खाने से पहले सोनू ने एक वीडियो बनाकर अपनी पूरी आपबीती बयान की। इसमें उसने स्पष्ट रूप से पांच लोगों — एस के पांडे, विकास गांधी, तेज राम मीना, राजीव और सतीश — को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया। वीडियो में सोनू ने कहा कि उसे अपनी पत्नी को इंसाफ न दिला पाने का गहरा दुख है और उसने ये कदम मजबूरी में उठाया है।
पिता की शिकायत पर दर्ज हुआ केस
घटना की जानकारी मिलते ही सोनू को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद पिता सुरेश कुमार ने जीआरपी थाना पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के आधार पर पांचों आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
परिवार ने मांगा इंसाफ
मृतक के पिता ने स्पष्ट रूप से कहा है कि उनका बेटा गलत नहीं था और उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। उन्होंने अपनी बहू और बेटे के लिए न्याय की मांग करते हुए कहा कि दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जानी चाहिए।
प्रशासन और सैन्य तंत्र पर उठे सवाल
इस घटना ने न केवल सैन्य अनुशासन और कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं, बल्कि यह भी दर्शाया है कि एक जवान, जो देश की रक्षा करता है, उसे निजी जीवन में न्याय पाने के लिए किस हद तक संघर्ष करना पड़ता है। अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या पीड़ित परिवार को समय पर और उचित न्याय मिलेगा।