उत्तराखंडटिहरी गढ़वाल

टिहरी में सहकारिता गोष्ठी का आयोजन, 69.50 लाख की सहायता राशि वितरित, मिलेट मिशन बना महिलाओं के लिए गेम चेंजर

टिहरी गढ़वाल: अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के उपलक्ष्य में टिहरी गढ़वाल के नई टिहरी में बुधवार को एक विशेष सहकारिता गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में उत्तराखंड के सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।

डॉ. रावत ने अपने संबोधन में सहकारिता विभाग की विभिन्न योजनाओं और उपलब्धियों की जानकारी देते हुए कहा कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जिसने सहकारी संस्थाओं में महिलाओं को 30% आरक्षण दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि टिहरी जनपद में 25,000 “लखपति दीदी” तैयार की जाएं, जो आत्मनिर्भर बन सकें और दूसरों को भी प्रेरित करें।

इस मौके पर मंत्री ने 0% ब्याज दर पर महिलाओं और स्वयं सहायता समूहों को कुल 69 लाख 50 हजार रुपये की सहायता राशि के चेक वितरित किए। यह धनराशि महिलाओं को स्वरोजगार और उद्यमशीलता के लिए प्रोत्साहित करने हेतु प्रदान की गई है।

 

सहकारिता में टिहरी की सफलता

डॉ. रावत ने टिहरी जिले में सहकारी बैंकों और समितियों के कार्यों की सराहना की और पूर्व जिला सहकारी बैंक अध्यक्ष सुभाष रमोला सहित अन्य अधिकारियों की मंच से प्रशंसा की। गोष्ठी के दौरान जिले की तीन उत्कृष्ट सहकारी समितियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

 

मिलेट मिशन में टिहरी का नाम रोशन

सहकारिता मंत्री ने जानकारी दी कि टिहरी जनपद मिलेट मिशन के तहत मंडवा (रागी) खरीद में प्रदेशभर में दूसरे स्थान पर रहा है। जिले में 30 खरीद केंद्रों के माध्यम से 2728 किसानों से कुल 1664.910 क्विंटल मंडवा खरीदा गया।

 

सबसे अधिक मंडवा खरीदने वाली समितियों में:

प्रथम स्थान: गोविंद दर्शन जन विकास सहकारी समिति (नरेंद्रनगर) – 2815 क्विंटल (25 किसानों से)

द्वितीय स्थान: बाल गंगा किसान उत्पादक समिति – 2000 क्विंटल (302 किसानों से)

तृतीय स्थान: एमपैक्स महड़ देवप्रयाग – 335 क्विंटल (372 किसानों से)

इन समितियों को भी समारोह में सम्मानित किया गया।

 

महिलाओं ने साझा किए अनुभव

गोष्ठी में महिलाओं ने अपने विचार और अनुभव भी साझा किए, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि सहकारिता के माध्यम से महिलाएं आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से बढ़ रही हैं। सहकारिता मंत्री ने कहा कि अब महिलाएं केवल घर तक सीमित नहीं, बल्कि घर की मुखिया बनकर समाज के विकास में अहम भूमिका निभा रही हैं।

सहायता राशि पाने वाले प्रमुख स्वयं सहायता समूह:

वरदान स्वयं सहायता समूह – ₹5 लाख

मां कुंजापुरी स्वयं सहायता समूह – ₹5 लाख

प्रेरणा स्वयं सहायता समूह – ₹5 लाख

जैविक खेती महिला समूह – ₹5 लाख

कुंजापुरी समूह तपोवन – ₹5 लाख

सुरकंडा सब्जी उत्पादन समूह – ₹5 लाख

जय नागराज समूह – ₹5 लाख

जौनपुर सब्जी उत्पादन समूह – ₹5 लाख

मां सुरकंडा महिला समूह कैंपिटी – ₹5 लाख

देवीधर समूह – ₹4 लाख

नगरेटा समूह – ₹5 लाख

 

हर मां के नाम एक पेड़

कार्यक्रम के अंत में “एक पेड़ मां के नाम” अभियान के तहत सहकारिता मंत्री, विधायक किशोर उपाध्याय, पूर्व विधायक धन सिंह नेगी, मुख्य विकास अधिकारी वरुणा अग्रवाल और अन्य गणमान्य अतिथियों ने फलदार वृक्षों का रोपण भी किया।

इस अवसर पर कई जनप्रतिनिधि, अधिकारी और विभागीय कर्मचारी उपस्थित रहे।

 

 

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