बेंगलुरु में भगदड़: फ्री एंट्री की अफवाह से उमड़ी 2.5 लाख की भीड़, हाई कोर्ट ने लिया संज्ञान

बेंगलुरु: एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में हुई भगदड़ के मामले में कर्नाटक उच्च न्यायालय ने स्वतः संज्ञान लेते हुए गुरुवार को मामले की सुनवाई की। अदालत में दोपहर 2:30 बजे शुरू हुई सुनवाई में राज्य सरकार ने घटना के तथ्यों को स्पष्ट करते हुए कहा कि इस मामले में दोषारोपण की कोई गुंजाइश नहीं है।
2.5 लाख लोगों का जमावड़ा, सिर्फ 35,000 की क्षमता
सुनवाई के दौरान वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने कोर्ट को बताया कि स्टेडियम की वास्तविक क्षमता केवल 35,000 लोगों की है और आमतौर पर 30,000 टिकट ही बिकते हैं। लेकिन इस बार लगभग 2.5 लाख लोग यह सोचकर पहुंच गए कि प्रवेश निःशुल्क है। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए 1000 से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे।
महाधिवक्ता शशि किरण शेट्टी ने कोर्ट को बताया कि समारोह में नि:शुल्क प्रवेश की घोषणा के कारण भारी भीड़ उमड़ी, जिससे भगदड़ जैसी स्थिति बनी। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार इस मामले को विरोधात्मक नजरिए से नहीं देख रही है, बल्कि यह समझने की कोशिश कर रही है कि कहां चूक हुई ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियां न दोहराई जाएं।
कोर्ट के निर्देश और चिंताएं
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश वी कामेश्वर राव और न्यायमूर्ति सीएम जोशी की पीठ ने कहा कि ऐसे बड़े सार्वजनिक आयोजनों के लिए स्पष्ट मानक संचालन प्रक्रियाएं (एसओपी) होनी चाहिए। कोर्ट ने यह भी कहा कि ऐसी जगहों पर एम्बुलेंस और निकटवर्ती अस्पतालों की जानकारी स्पष्ट होनी चाहिए।
महाधिवक्ता ने स्वीकार किया कि एम्बुलेंस मौजूद थी, लेकिन इतनी बड़ी आपातकालीन स्थिति के लिए पर्याप्त नहीं थी। उन्होंने बताया कि सभी मौतें और घायल होने की घटनाएं कुल 21 में से केवल तीन गेटों पर हुईं।
मजिस्ट्रेट जांच के आदेश
घटना में 11 लोगों की मौत और 50 से अधिक लोग घायल हुए थे। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बेंगलुरु शहरी उपायुक्त के नेतृत्व में घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं। महाधिवक्ता ने बताया कि यह जांच 15 दिनों में पूरी हो जाएगी।
सरकार ने इस मामले को अत्यंत गंभीरता से लिया है और सभी संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किए गए हैं, जिसमें कार्यक्रम प्रबंधन एजेंसी भी शामिल है। जांच अधिकारी ने एक सार्वजनिक नोटिस जारी कर लोगों से साक्ष्य और जानकारी साझा करने की अपील की है। सभी गवाहियों की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी और अदालत में पेश की जाएगी।
यह घटना बुधवार को हुई थी, जब बड़ी संख्या में लोग रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु टीम की आईपीएल जीत के जश्न में भाग लेने के लिए चिन्नास्वामी स्टेडियम में उमड़ पड़े थे।कोर्ट ने इस स्वतः संज्ञान को स्वतः संज्ञान रिट याचिका के रूप में पंजीकृत करने का निर्देश दिया है और मामले की अगली सुनवाई 10 जून, मंगलवार को होगी।