फरीदाबाद में दिल दहला देने वाली घटना: बाप ने चार बच्चों को बाहों में जकड़कर ट्रेन के सामने कूदकर की आत्महत्या, मौके पर सभी की मौत

फरीदाबाद: बल्लभगढ़ रेलवे स्टेशन के पास 10 जून को एक हृदय विदारक घटना सामने आई, जिसने हर किसी को झकझोर कर रख दिया। बिहार के लखीसराय निवासी 40 वर्षीय मनोज महतो ने अपने चार मासूम बच्चों के साथ गोल्डन टेंपल ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली। इस दिल दहला देने वाले दृश्य ने मौके पर मौजूद लोगों को सदमे में डाल दिया।
बच्चों को बांहों में जकड़कर दी मौत
घटना की सूचना मिलते ही जीआरपी मौके पर पहुंची। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मनोज दो बच्चों को कंधे पर उठाए और दो बच्चों का हाथ पकड़े रेलवे ट्रैक पर चल रहा था। ट्रेन के लोको पायलट ने बार-बार हॉर्न बजाया, लेकिन मनोज ट्रैक से नहीं हटा। जैसे ही ट्रेन पास आई, उसने चारों बच्चों को बाहों में कसकर पकड़ा और ट्रेन के सामने छलांग लगा दी। ट्रेन की चपेट में आने से सभी की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई।
भागने की कोशिश कर रहे थे बच्चे
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि बच्चे खुद को छुड़ाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन मनोज ने उन्हें तब तक नहीं छोड़ा जब तक कि ट्रेन उनके ऊपर से नहीं गुजर गई। हादसे के बाद ट्रैक पर शवों के बिखरे हुए टुकड़ों को देखकर स्थानीय लोग सिहर उठे।
जेब से मिली पर्ची ने दी पहचान
मनोज की जेब से एक पर्ची बरामद हुई, जिसमें उसकी पत्नी का मोबाइल नंबर और बच्चों के नाम व उम्र लिखी थी। इसी के आधार पर जीआरपी ने महिला को सूचित किया। मनोज की पत्नी जब घटनास्थल पर पहुंची तो वह बदहवास हालत में थी और बार-बार बेहोश हो रही थी।
पत्नी पर करता था शक, यहीं बना कारण!
शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि मनोज अपनी पत्नी पर शक करता था और इसी के चलते वह मानसिक तनाव में था। हालांकि महिला ने पुलिस को बताया कि मनोज ने बच्चों को पार्क ले जाने की बात कही थी, लेकिन उसे इस भयावह फैसले की कोई जानकारी नहीं थी।
जांच जारी, परिवार गहरे सदमे में
रेलवे पुलिस ने शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और मामले की विस्तृत जांच की जा रही है। ड्राइवर के बयान के अनुसार, यह घटना पूरी तरह से आत्महत्या थी। फिलहाल, पुलिस मनोज की मानसिक स्थिति और पारिवारिक हालात की पड़ताल कर रही है।