उत्तराखंड

यमुनोत्री हादसा: पिता का छलका दर्द, आंखों के सामने मलबे में ओझल हो गई बेटी

यमुनोत्री: सोमवार को यमुनोत्री पैदल मार्ग पर नौकैंची के समीप भीषण भूस्खलन की घटना में 6 लोग मलबे में दब गए, जिसमें दो मासूम बच्चे भी शामिल हैं। हादसे में अब तक 2 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 2 अन्य लोग अभी भी लापता हैं।

नई दिल्ली निवासी जॉय शर्मा पूरे दिन घटनास्थल पर बैठकर अपनी 11 वर्षीय बेटी भाविका शर्मा के मिलने का इंतजार करते रहे। आंखों में आंसू लिए वे लगातार जिला प्रशासन के अधिकारियों, डीएम और स्थानीय विधायक से अपनी बेटी को जल्द से जल्द मलबे से निकालने की गुहार लगाते रहे।

जॉय शर्मा ने अधिकारियों को बताया कि पूरा परिवार यमुनोत्री धाम के दर्शन के बाद खुशी-खुशी वापस लौट रहा था। उनकी बेटी भाविका उनसे थोड़ा आगे चल रही थी, जब अचानक पहाड़ से भूस्खलन का सैलाब टूट पड़ा और उनकी आंखों के सामने ही उनकी मासूम बेटी मलबे और बड़े पत्थरों के बीच गायब हो गई।

हादसे में मारे गए हरिशंकर और उनकी बेटी ख्याति के परिजनों ने बताया कि दोनों पिता-पुत्री 20 जून को तीर्थयात्रा के लिए घर से निकले थे। उनकी पत्नी और छोटा बेटा इस यात्रा में साथ नहीं आए थे।

यमुनोत्री धाम के दर्शन के बाद जब वे भैरो मंदिर के पास से आगे बढ़ रहे थे, तभी यह दुर्घटना हुई। जब उनके साथी घटनास्थल पर पहुंचे तो पता चला कि दोनों मलबे और बड़े पत्थरों के साथ खाई में गिर गए हैं।

मंगलवार को हरिशंकर और ख्याति की शिनाख्त के बाद, उनके साथी दोनों के शवों को अंतिम संस्कार के लिए हरिद्वार ले गए। इस बीच, हरिशंकर की पत्नी और उनका 4 वर्षीय बेटा भी अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए हरिद्वार पहुंच रहे हैं।

स्थानीय प्रशासन और बचाव दल लगातार लापता व्यक्तियों की तलाश में जुटे हुए हैं। भूस्खलन के कारण रास्ते में भारी मलबा और बड़े पत्थर बिखरे होने से बचाव कार्य में कठिनाई आ रही है।

 

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