केदारनाथ यात्रा बाधित: प्रशासन की त्वरित कार्रवाई से 1269 यात्रियों का सुरक्षित रेस्क्यू

रुद्रप्रयाग: पिछले तीन दिनों से लगातार हो रही तेज बारिश और भूस्खलन के कारण केदारनाथ यात्रा बाधित हो गई है। सोनप्रयाग-मुनकटिया मार्ग पर कई स्थानों पर रास्ता अवरुद्ध होने से हजारों श्रद्धालु फंस गए थे। हालांकि, प्रशासन की तत्परता और संवेदनशीलता के कारण एक बड़ी आपदा से बचा जा सका है।
जनपद रुद्रप्रयाग में रुक-रुक कर हो रही तेज बारिश ने जनजीवन को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। इसका सबसे ज्यादा असर पवित्र केदारनाथ यात्रा पर पड़ा है। सोनप्रयाग-मुनकटिया मार्ग पर निरंतर भूस्खलन के कारण यात्रा मार्ग कई स्थानों पर पूरी तरह बंद हो गया था।स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण और समय पर निर्णय लेते हुए केदारनाथ जा रहे सभी यात्रियों को सोनप्रयाग में ही रोक दिया। यह निर्णय यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया था ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके।
प्रशासन ने यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल), एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन बल) और डीडीआरएफ (जिला आपदा मोचन बल) की विशेषज्ञ टीमों को तत्काल घटनास्थल पर भेजा गया। इन तीनों बलों के समन्वित और व्यापक रेस्क्यू ऑपरेशन के तहत आज सुबह 11 बजे तक कुल 1269 यात्रियों को सुरक्षित रूप से सोनप्रयाग वापस लाया गया।
रेस्क्यू किए गए यात्रियों में 833 पुरुष और 436 महिलाएं शामिल हैं। यह पूरा ऑपरेशन बेहद चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में किया गया, जहां रेस्क्यू टीमों ने अपनी जान की परवाह किए बिना यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी।
वर्तमान में यात्रा मार्ग को पुनः खोलने के लिए लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) और संबंधित विभागों द्वारा युद्धस्तर पर मलबा हटाने का कार्य जारी है। प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि जैसे ही मौसम की स्थिति में सुधार होगा और मार्ग पूर्णतः सुरक्षित हो जाएगा, केदारनाथ यात्रा को फिर से शुरू कर दिया जाएगा।
प्रशासन यात्रियों की सेवा और सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। जिला प्रशासन की ओर से सभी श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पूर्ण पालन करें और धैर्य बनाए रखें। मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटों में भी बारिश की संभावना है, इसलिए यात्रियों से अनुरोध है कि वे तब तक प्रतीक्षा करें जब तक मार्ग पूर्णतः सुरक्षित घोषित नहीं हो जाता।
इस पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन में स्थानीय प्रशासन, पुलिस बल और आपदा मोचन दलों की त्वरित सूझबूझ और समन्वित कार्रवाई की सराहना की जा रही है। यह घटना इस बात का प्रमाण है कि कैसे समय पर लिए गए सही निर्णय और तत्परता से बड़ी आपदा से बचा जा सकता है।