UP: ‘इस्लाम अपनाओ तो मिलेंगे पैसे’ – किशोरी को फंसाने वाले गिरफ्तार, एटीएसने शुरू की जांच,दो आरोपी जेल भेजे गए

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश में एक किशोरी को केरल ले जाकर जबरन धर्मांतरण कराने और जिहादी प्रशिक्षण के लिए दबाव बनाने के गंभीर मामले में एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (एटीएस) ने जांच शुरू कर दी है। मुख्य आरोपी दरकशा बानो और कैफ से एटीएस अधिकारियों ने मंगलवार को फूलपुर थाने में तीन घंटे तक गहन पूछताछ की है।
मंगलवार को कोर्ट के समक्ष पीड़ित किशोरी का बयान दर्ज किया गया। वन स्टॉप सेंटर में रखी गई किशोरी को पुलिस सुरक्षा में कोर्ट ले जाया गया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, यदि पीड़िता अपने बयान पर कायम रहती है तो यह आरोपियों के खिलाफ महत्वपूर्ण सबूत होगा। इसके आधार पर मामले में उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) अधिनियम की धाराएं भी जोड़ी जा सकती हैं।
पैसों के लालच से की गई थी बहकाने की कोशिश
जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपी दरकशा पीड़ित किशोरी को बार-बार कहती थी कि यदि वह इस्लाम धर्म अपना ले तो उसे खूब पैसे मिलेंगे। आठ मई की रात जब किशोरी कोटेदार के घर शादी समारोह में जा रही थी, तब रास्ते में मिली दरकशा ने नौकरी और निःशुल्क रहने-खाने का झांसा देकर उसे अपने साथ ले गया था। किशोरी ने पुलिस को बताया कि जहां उसे ले जाया गया था, वहां बहुत सारे मुस्लिम लड़के मौजूद थे।
मंगलवार को दोनों आरोपी दरकशा और कैफ को कोर्ट में पेश किया गया, जहां न्यायाधीश ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया। फूलपुर पुलिस ने दोनों आरोपियों को कड़ी सुरक्षा में नैनी जेल में दाखिल कराया है। फिलहाल यह मामला नाबालिग के अपहरण, आपराधिक षडयंत्र और एससी/एसटी एक्ट के तहत दर्ज है।
आरोपी दरकशा की गिरफ्तारी के बाद उसके फूलपुर स्थित घर पर ताला लगा हुआ है। पीड़ित किशोरी के परिजनों का आरोप है कि दरकशा एक सामान्य पारिवारिक पृष्ठभूमि से थी, लेकिन उसके शौक महंगे थे। वह महंगे रेस्टोरेंट में जाती थी और एक बार किशोरी को भी अपने साथ ले गई थी। इसका पता चलने पर परिजनों ने किशोरी के उससे मिलने-जुलने पर रोक लगा दी थी।
एटीएस को आशंका है कि यह मामला किसी अंतर्राष्ट्रीय रेडिकल इस्लामिक नेटवर्क से जुड़ा हो सकता है। ऐसे नेटवर्क विशेष रूप से नाबालिग, गरीब और असहाय लड़कियों को निशाना बनाक