अमरनाथ यात्रा 2025: रामबन में पांच बसों की टक्कर, 36 श्रद्धालु घायल

रामबन: शनिवार को रामबन जिले में पांच बसों की श्रृंखलाबद्ध टक्कर हो गई। इस हादसे में 36 अमरनाथ तीर्थयात्री घायल हुए हैं, जिन्हें तुरंत इलाज के लिए रामबन जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। यह दुर्घटना जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर चंद्रकूट के पास सुबह करीब आठ बजे हुई, जब जम्मू भगवती नगर से दक्षिण कश्मीर के पहलगाम आधार शिविर की ओर जा रहे काफिले की बसों में से एक का ब्रेक फेल हो गया।
रामबन के उपायुक्त मोहम्मद अलयास खान ने घटना का विस्तृत विवरण देते हुए बताया कि पहलगाम काफिले का अंतिम वाहन नियंत्रण खो बैठा और चंद्रकोट लंगर स्थल पर रुके हुए वाहनों से जा टकराया। इस टक्कर के कारण चार वाहन क्षतिग्रस्त हो गए और 36 यात्रियों को मामूली चोटें आईं। घटनास्थल पर पहले से मौजूद सरकारी अधिकारियों ने तत्काल कार्रवाई करते हुए सभी घायलों को रामबन जिला अस्पताल पहुंचाया। अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मोहम्मद रफी ने बताया कि कुल 36 घायल मरीज अस्पताल में लाए गए थे, जिनमें से 10 को तुरंत छुट्टी दे दी गई और बाकी सभी का भी जल्द ही इलाज पूरा होने की उम्मीद है।
चिकित्सा अधीक्षक सुदर्शन सिंह कटोच ने आश्वासन दिया कि सभी तीर्थयात्रियों को प्राथमिक उपचार के तुरंत बाद छुट्टी दे दी गई है और किसी भी मरीज को किसी अन्य अस्पताल में रेफर करने की आवश्यकता नहीं पड़ी। कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने अस्पताल का दौरा कर घायलों के उपचार की निगरानी की और मुख्य चिकित्सा अधिकारी को बेहतर देखभाल सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उपायुक्त ने बताया कि क्षतिग्रस्त बसों को बदलने के बाद यात्रियों को अन्य वाहनों में स्थानांतरित कर दिया गया और काफिला अपने गंतव्य पहलगाम के लिए रवाना हो गया।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने इस घटना पर ट्वीट कर आश्वासन दिया कि सभी घायलों की स्थिति ठीक है और घबराने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रशासन की ओर से यात्रियों के लिए सभी आवश्यक इंतजाम किए गए हैं और उन पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। इस घटना से अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं, लेकिन अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए और भी सख्त सुरक्षा उपाय अपनाए जाएंगे। यह घटना अमरनाथ यात्रा के दौरान सड़क सुरक्षा के महत्व को रेखांकित करती है, विशेषकर पहाड़ी इलाकों में जहाँ यातायात की चुनौतियाँ अधिक होती हैं।