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उत्तराखंड: निष्क्रिय 6 राजनैतिक दलों को निर्वाचन आयोग ने भेजा नोटिस

देहरादून: उत्तराखंड मुख्य निर्वाचन कार्यालय ने प्रदेश के 6 पंजीकृत अमान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इन दलों ने पिछले 6 वर्षों से किसी भी चुनाव में भाग नहीं लिया है और न ही इनकी कोई गतिविधि देखी गई है।

भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के तहत उत्तराखंड मुख्य निर्वाचन कार्यालय नियमित रूप से प्रदेश में राजनैतिक दलों की सक्रियता की निगरानी करता रहता है। इसी निगरानी के दौरान 6 राजनैतिक दलों की निष्क्रियता सामने आई है।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इन राजनैतिक दलों ने न तो पिछले 6 वर्षों में किसी चुनाव में प्रतिभागिता की है और न ही इनकी कोई संगठनात्मक गतिविधि का प्रमाण मिला है।

समय सीमा और शर्तें:

नोटिस प्राप्त राजनैतिक दलों को अगले 15 दिनों में, यानी 21 जुलाई 2025 की शाम 5 बजे तक अपना स्पष्टीकरण देना होगा। इन दलों को बताना होगा कि वे पंजीकृत अमान्यता प्राप्त राजनैतिक दल (आरयूपीपी) बने रहने की आवश्यक शर्तों को क्यों पूरा नहीं कर पा रहे हैं।

प्रदेश में राजनैतिक दलों की स्थिति:

उत्तराखंड में कुल 42 पंजीकृत अमान्यता प्राप्त राजनैतिक दल हैं। इनमें से कई दल ऐसे हैं जो अपनी पंजीकरण की आवश्यक शर्तों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। निर्वाचन आयोग की इस कार्रवाई का उद्देश्य निष्क्रिय और गैर-कार्यात्मक राजनैतिक दलों की पहचान करना है।

आगे की कार्रवाई:

राजनैतिक दल निर्धारित समय सीमा में संतोषजनक उत्तर नहीं देते हैं, तो निर्वाचन आयोग उनके पंजीकरण को रद्द करने की कार्रवाई कर सकता है। यह कदम लोकतांत्रिक व्यवस्था में सक्रिय और जिम्मेदार राजनैतिक दलों को बनाए रखने के लिए उठाया गया है।

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