उत्तराखंड में लागू होगा गुजरात का सहकारिता मॉडल: डॉ. धन सिंह रावत

देहरादून: उत्तराखंड में सहकारी बैंकों की ग्राहक सेवाओं में सुधार और डिजिटल बैंकिंग के विस्तार के लिए गुजरात के सहकारिता मॉडल को अपनाया जाएगा। यह बात उत्तराखंड के सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने गुजरात दौरे के दौरान कही। उन्होंने कहा कि डिजिटल प्रणाली के माध्यम से उपभोक्ताओं को बेहतर बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी और एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों) की वसूली के लिए ठोस रणनीति तैयार की जाएगी।
गुजरात दौरे के दौरान डॉ. रावत ने पंचमहाल जिला सहकारी बैंक, नेक्स्ट इकोनॉमिकल सर्विस कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड और आशापुरा छरिया मिल्क सोसाइटी सहित कई सहकारी संस्थाओं का भ्रमण किया। पंचमहाल जिला सहकारी बैंक के मुख्यालय में आयोजित बैठक में बैंक अधिकारियों ने संस्था की कार्यप्रणाली, ग्राहक सेवा सुधार और भविष्य की योजनाओं को लेकर विस्तृत प्रस्तुति दी। अधिकारियों ने जानकारी दी कि यह बैंक 1955 में स्थापित हुआ था और पिछले सात दशकों से स्थानीय आर्थिक विकास में अहम भूमिका निभा रहा है।
डॉ. रावत ने उत्तराखंड की सहकारी योजनाओं की जानकारी साझा करते हुए कहा कि राज्य के सहकारी बैंक गुजरात मॉडल से प्रेरणा लेकर अपनी सेवाओं को अधिक प्रभावी बनाएंगे। उन्होंने नेक्स्ट इकोनॉमिकल सर्विस कोऑपरेटिव सोसायटी द्वारा महिला समूहों और किसानों के सशक्तिकरण हेतु किए जा रहे कार्यों की सराहना की।
आशापुरा छरिया मिल्क सोसाइटी के दौरे में उन्होंने स्थानीय पशुपालकों, खासकर महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए संस्था की भूमिका की प्रशंसा की। इसके साथ ही पंचमहाल सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ लिमिटेड के डेयरी विभाग के अधिकारियों से मुलाकात कर दुग्ध उत्पादन, संग्रहण, गुणवत्ता नियंत्रण और पारदर्शी भुगतान व्यवस्था की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि यह मॉडल उत्तराखंड के लिए अनुकरणीय है और राज्य में इसे लागू करने के प्रयास किए जाएंगे।
इस अवसर पर सहकारिता सचिव बीवीआरसी पुरुषोत्तम, निबंधक सहकारिता डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट, संयुक्त निबंधक नीरज बेलवाल, मंगला त्रिपाठी और उत्तराखंड राज्य सहकारी बैंक के प्रबंध निदेशक प्रदीप मेहरोत्रा भी उपस्थित रहे।