
देहरादून, 24 सितम्बर 2025: रामलीला कला समिति के 157वें वर्ष के अंतर्गत मंचन का शुभारंभ हो चुका है। आज की लीला में दिखाया गया कि भगवान राम माता अहिल्या का उद्धार करने के बाद महर्षि विश्वामित्र और लक्ष्मण के साथ जनकपुरी की ओर प्रस्थान करते हैं। जनकपुरी में राजा जनक सीता के स्वयंवर की तैयारी कर रहे होते हैं। पुष्प वाटिका में भगवान राम और सीता का मिलन होता है।
इसके बाद स्वयंवर में राजा जनक द्वारा रखे गए शिव धनुष को तोड़ने का प्रसंग मंचित किया गया। जब अनेक राजा धनुष नहीं उठा पाते तो अंत में राम उस पर प्रत्यंचा चढ़ाकर धनुष को तोड़ते हैं। गर्जना के साथ धनुष भंग के बाद ऋषि परशुराम का प्रवेश होता है। परशुराम और लक्ष्मण के संवाद का अत्यंत सुंदर चित्रण प्रस्तुत किया गया। इसी के साथ आज की लीला का समापन हुआ।

महत्वपूर्ण सूचना
कल लीला का विश्राम रहेगा। भगवान राम की बारात नगर परिक्रमा के लिए शिवाजी धर्मशाला से निकलेगी।
जैसा कि ज्ञात है, 157वें वर्ष का यह आयोजन 22 सितम्बर से 5 अक्टूबर 2025 तक किया जा रहा है। इस बार रामलीला का मंचन रामलीला बाजार में न होकर अभय मठ शक्तिपीठ, लक्ष्मण चौक, देहरादून में हो रहा है। वृंदावन-मथुरा से आए कलाकार प्रतिदिन रात्रि 8 बजे से 11 बजे तक लीला प्रस्तुत कर रहे हैं। मंचन स्थल हिंदू नेशनल इंटर कॉलेज के निकट है।
समिति की उपस्थिति
समिति के संरक्षक मंडल व कार्यकारिणी के पदाधिकारियों और सदस्यों में सोमप्रकाश शर्मा, अध्यक्ष राकेश महेंद्रू, कार्यकारी अध्यक्ष अरविंद गोयल, हर्ष कुमार, सुधीर जैन, दयाल गुप्ता, शोभित मांगलिक, मनमोहन जायसवाल, धन प्रकाश गोयल, अरुण गोयल, तरुण शर्मा, शरद गोयल, बलेश गुप्ता, अनुराग अग्रवाल, घनश्याम शर्मा, तरुण, विक्की गोयल, मनोज कुमार, जगमोहन सिंह रावत, सतीश कश्यप, आलोक जैन, मनोज सिंघल, रोशन राणा, हरीश चौहान, राजेश अग्रवाल और शुभम गोयल सहित अन्य सदस्य उपस्थित रहे।
द्वारा
मनमोहन जायसवाल
मीडिया प्रभारी
रामलीला कला समिति, देहरा
दून
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