
देहरादून, 27 सितंबर 2025: उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPCL) ने राज्य में 25 किलोवाट से अधिक लोड वाले उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे अपने “पावर फैक्टर” (Power Factor) को सुधारें। इस कदम से बिजली उपयोग अधिक कुशल बनेगा, बिलों में पारदर्शिता आएगी और अनावश्यक वसूली से बचा जा सकेगा।
प्रस्तावित उपाय
UPCL ने कहा कि अब स्मार्ट मीटरिंग के माध्यम से उपभोक्ताओं की वास्तविक खपत का डेटा उपलब्ध हो रहा है।
इस स्थिति में, उपभोक्ताओं को सही क्षमता का कैपेसिटर बैंक स्थापित करना चाहिए ताकि बिजली स्रोत और खपत के बीच संतुलन बना रहे।
UPCL ने यह भी सुझाव दिया है कि इस उपकरण को ऑटोमैटिक मोड पर चलाया जाए और रिएक्टिव ऊर्जा (reactive energy) का नियंत्रण बनाए रखा जाए।
यदि कैपेसिटर बैंक की क्षमता बहुत कम या बहुत अधिक होगी, तो पावर फैक्टर बिगड़ सकता है, जिससे मोटे स्तर पर बिजली उपयोग कम कुशल हो जाएगा और बिल बढ़ सकते हैं।
लाभ और आवश्यक अनुपालन
पावर फैक्टर को बेहतर बनाए रखने से न्यूनतम लाइन लॉस, बेहतर वोल्टेज प्रोफाइल और ऊर्जा बचत संभव है।
UPCL के अनुसार, यदि उपभोक्ता की पावर फैक्टर 0.85 से कम होती है, तो सशुल्क अधिभार (surcharge) लगाया जा सकता है।
बड़ी लोड वाली खेती, उद्योग और व्यावसायिक इकाइयाँ इस दिशा में तुरंत कदम उठाएं ताकि बिजली खपत की निष्पक्ष व अधिक पारदर्शी माप हो सके।