
देहरादून, 30 सितम्बर 2025 (सूवि):जिला प्रशासन देहरादून के त्वरित एक्शन से एक और असहाय परिवार को बड़ी राहत मिली है। दिव्यांग बेटे की विधवा मां शोभा रावत, जो दो बच्चों की परवरिश और 17 लाख के ऋण के बोझ तले दबकर परेशान थी, अब कर्जमुक्त हो गई है। जिलाधिकारी सविन बंसल के हस्तक्षेप से आईसीआईसीआई बैंक ने ऋण माफ कर घर जाकर परिवार को नो ड्यूज सर्टिफिकेट और संपत्ति के कागजात वापस कर दिए।

पति की 2024 में आकस्मिक मृत्यु के बाद शोभा रावत पर पूरे परिवार की जिम्मेदारी आ गई थी। उनका बेटा 100 प्रतिशत दिव्यांग है और बेटी अभी पढ़ाई कर रही है। इस कठिन परिस्थिति में बैंक द्वारा ऋण वसूली के लिए लगातार दबाव डाला जा रहा था, जबकि लोन बीमा भी कराया गया था।
पिछले सप्ताह शोभा रावत ने अपने बच्चों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिलाधिकारी से मदद की गुहार लगाई थी। जिलाधिकारी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम न्याय कुमकुम जोशी को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए। एसडीएम ने लगातार 10 दिन तक मामले का फॉलोअप किया और बैंक को सोमवार तक नो ड्यूज जारी करने का अल्टीमेटम दिया। आदेश का पालन न करने पर बैंक शाखा की संपत्ति कुर्क कर नीलामी के निर्देश भी दिए गए थे। प्रशासन की सख्ती के बाद बैंक ने आखिरकार ऋण माफ कर दिया।

जानकारी के अनुसार, शोभा रावत के पति मनोज रावत ने 10 लाख और 7 लाख रुपये मिलाकर कुल 17 लाख का लोन लिया था। पति की मृत्यु के बाद इंश्योरेंस से 13,20,662 रुपये का क्लेम बैंक ने समायोजित किया, लेकिन शेष लगभग 5 लाख रुपये की मांग को लेकर बैंक परिवार पर दबाव बना रहा था। अब प्रशासन के हस्तक्षेप से यह अवशेष राशि भी माफ कर दी गई है।

इस कार्रवाई से न केवल शोभा रावत और उनके बच्चों को राहत मिली है, बल्कि जनता के बीच प्रशासन के प्रति विश्वास भी और मजबूत हुआ है। शिक्षा, रोजगार, ऋणमाफी और संपत्ति वापसी जैसे मामलों में जिला प्रशासन की त्वरित कार्रवाई से असहाय लोगों के जीवन में उम्मीद की नई रोशनी जग रही है।