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उत्तराखंड पेपर लीक मामला: खालिद और साबिया की न्यायिक हिरासत 14 दिन बढ़ी, एसआईटी ने जांच तेज की

देहरादून : 8 अक्टूबर 2025 उत्तराखंड पेपर लीक मामले में मुख्य आरोपी खालिद मलिक और उसकी बहन साबिया की न्यायिक हिरासत 14 दिन के लिए बढ़ा दी गई है। मंगलवार को दोनों को जिला अदालत में पेश किया गया, जहां एसआईटी ने अदालत को अवगत कराया कि जांच अभी जारी है। अदालत ने तर्कों को सुनने के बाद दोनों की हिरासत अवधि बढ़ा दी।

एसआईटी जुटा रही अहम सबूत

एसआईटी टीम फिलहाल खालिद और साबिया से जुड़े सभी साक्ष्य और संपर्कों को खंगाल रही है। जांच के दौरान खालिद के हरिद्वार स्थित घर पर तलाशी ली गई, लेकिन वहां प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित कोई किताब या कॉपी नहीं मिली। इससे यह संदेह और गहरा हो गया है कि खालिद लंबे समय से परीक्षा में सफलता पाने के लिए नकल या अंदरूनी सांठगांठ का सहारा ले रहा था।

बिना योग्यता नौ परीक्षाओं के लिए आवेदन

जांच में सामने आया है कि खालिद ने साल 2024 से 2025 के बीच नौ प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए आवेदन किया, जिनमें से वह सिर्फ पांच में शामिल हुआ। जिन परीक्षाओं में बैठा, उनमें भी उसके नंबर बेहद कम आए।
एसएसपी अजय सिंह के अनुसार, खालिद ने कुछ ऐसी परीक्षाओं के लिए भी आवेदन किया, जिनकी शैक्षणिक योग्यता वह पूरी नहीं करता था। यह बात इस ओर इशारा करती है कि वह परीक्षा पास करने के लिए अनुचित साधनों का प्रयोग करना चाहता था।

अब एसआईटी उसके पिछले दो वर्षों के संपर्कों और गतिविधियों की गहराई से जांच कर रही है, ताकि उसके नेटवर्क का पूरा खुलासा किया जा सके।

मोबाइल से मिल सकते हैं अहम सुराग

खालिद का एक मोबाइल फोन अभी तक बरामद नहीं हो सका है। जानकारी के अनुसार, वह इसे परीक्षा केंद्र में लेकर गया था और बाद में फॉर्मेट कर ट्रेन के डिब्बे में फेंक आया। पुलिस ने उसका दूसरा मोबाइल जब्त किया है, जिससे उसने परीक्षा केंद्र से बहन साबिया को प्रश्न पत्र के तीन पन्नों के फोटो भेजे थे
हालांकि इस फोन को भी फॉर्मेट कर दिया गया था, लेकिन अब तकनीकी विशेषज्ञों की मदद से उसमें से डाटा रिकवर करने की कोशिश की जा रही है। यदि यह डाटा मिल गया, तो खालिद के दो वर्षों के संपर्क और संवाद सामने आ सकते हैं, जिससे जांच को नई दिशा मिल सकती है।

कस्टडी रिमांड पर लिए जाने की संभावना

सूत्रों के अनुसार, एसआईटी जल्द ही खालिद को दोबारा कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ कर सकती है, ताकि नकल रैकेट के पूरे नेटवर्क का खुलासा किया जा सके।

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