
देहरादून: 8 अक्टूबर 2025। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता और बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व में प्रदेश सरकार द्वारा अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक 2025 के पारित होने को बड़ी उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा कि इस विधेयक से सभी अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों को संरक्षण मिलेगा। यह विधेयक समानता पर आधारित है और किसी विशेष धर्म का पक्ष नहीं लेता। विधानसभा में पारित होने और राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद अब इसे कानूनी रूप मिल गया है।
नए कानून के तहत राज्य का मदरसा शिक्षा बोर्ड समाप्त हो जाएगा। इसके बाद मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध और पारसी समुदायों के विद्यालय राज्य शिक्षा बोर्ड से संबद्ध होंगे।
हेमंत द्विवेदी ने कहा कि इस विधेयक का उद्देश्य अल्पसंख्यक समुदाय को मुख्यधारा की शिक्षा प्रणाली से जोड़ना, शिक्षा की गुणवत्ता और पारदर्शिता बढ़ाना तथा नई शिक्षा नीति के अनुरूप समान अवसर प्रदान करना है।
उल्लेखनीय है कि यह कानून 1 जुलाई 2026 से लागू होगा। कानून के प्रावधानों के तहत अल्पसंख्यक संस्थानों को उत्तराखंड राज्य अल्पसंख्यक शिक्षा प्राधिकरण से मान्यता प्राप्त करनी होगी।