
देहरादून: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और चकराता विधायक प्रीतम सिंह ने बुधवार को बिना अनुमति धरना प्रदर्शन करने के मामले में कोर्ट में आत्मसमर्पण किया। उन्होंने पंचम अपर सिविल जज (जूडिशियल) की अदालत में हाजिर होकर सरेंडर किया। इस मामले में उनके साथ कांग्रेस नेता अनिता तिराला ने भी आत्मसमर्पण किया।
दोनों नेताओं के खिलाफ कोर्ट की ओर से जमानती वारंट जारी किए गए थे। आत्मसमर्पण के बाद अदालत ने दोनों को 30-30 हजार रुपये के दो-दो जमानती और व्यक्तिगत बंधपत्रों पर जमानत दे दी।
मामला क्या है
यह मामला 8 दिसंबर 2020 का है। उस समय प्रदेश में कोरोना महामारी के कारण सभी तरह के धरना-प्रदर्शन और भीड़-भाड़ वाले कार्यक्रमों पर प्रशासनिक प्रतिबंध लागू थे। इसके बावजूद कांग्रेस नेताओं ने किसानों के समर्थन में कांग्रेस भवन से घंटाघर तक जुलूस और धरना प्रदर्शन किया था।
इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता और पदाधिकारी शामिल हुए थे। पुलिस ने इस रैली को बिना अनुमति आयोजित करने और कोविड नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया था।
कोर्ट में आत्मसमर्पण
करीब पांच साल बाद जब इस मामले में कोर्ट ने जमानती वारंट जारी किया, तो बुधवार को विधायक प्रीतम सिंह और अनिता तिराला ने अदालत में सरेंडर कर दिया। अदालत ने संज्ञान लेते हुए दोनों को सशर्त जमानत प्रदान की।
गौरतलब है कि प्रीतम सिंह उस समय प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष थे। किसानों के समर्थन में आयोजित उस प्रदर्शन का नेतृत्व उन्होंने स्वयं किया था। प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस नेताओं ने केंद्र सरकार की कृषि नीतियों के खिलाफ नारेबाजी की थी और किसानों के समर्थन में ज्ञापन सौंपा था।
अदालत ने दोनों नेताओं को जमानत की शर्तों का पालन करने और आगामी सुनवाई में उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई की तारीख जल्द निर्धारित की जाएगी।