
देहरादून, 14 अक्टूबर 2025: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत के निर्देशों पर प्रदेशभर में प्रतिबंधित कफ सिरप एवं निम्न गुणवत्ता की औषधियों के खिलाफ औषधि विभाग का सघन अभियान जारी है। स्वास्थ्य सचिव एवं आयुक्त, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन डॉ. आर. राजेश कुमार के आदेशानुसार इस अभियान का नेतृत्व अपर आयुक्त (एफडीए) एवं ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी कर रहे हैं। उनके निर्देशन में राज्यभर की औषधि निरीक्षक टीमें लगातार फील्ड पर सक्रिय हैं और अब तक 370 से अधिक नमूने जांच हेतु संकलित किए जा चुके हैं।
ड्रग कंट्रोलर ने बताया कि औषधि विभाग की टीमें मेडिकल स्टोर्स, दवा कंपनियों और अस्पतालों में औचक निरीक्षण कर रही हैं। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
रामनगर, देहरादून और रुड़की में औचक छापेमारी
रामनगर (नैनीताल):
14 अक्टूबर को खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की टीम ने रामनगर के खताड़ी क्षेत्र में औचक निरीक्षण किया। बच्चों की सुरक्षा और कफ सिरप की गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए की गई इस कार्रवाई में एक मेडिकल स्टोर को गंभीर अनियमितताएं पाए जाने पर तत्काल प्रभाव से बंद कराया गया। दो मेडिकल स्टोर्स को दिशा-निर्देश जारी किए गए, जबकि दो स्टोर मौके पर बंद मिले।
संयुक्त टीम ने एक क्लिनिक का भी निरीक्षण किया, जहां से पांच औषधीय नमूने जांच हेतु संकलित किए गए। सभी प्रतिष्ठानों को औषधि अधिनियम के प्रावधानों का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए गए।
इस कार्रवाई में वरिष्ठ औषधि निरीक्षक मीनाक्षी बिष्ट और नीरज कुमार, औषधि निरीक्षक अर्चना, निधि शर्मा एवं शुभम कोटनाला शामिल रहे।
देहरादून:
औषधि निरीक्षक मानेंद्र सिंह राणा के नेतृत्व में टीम ने दून मेडिकल कॉलेज के आसपास के मेडिकल स्टोर्स और थोक विक्रेता फर्मों का औचक निरीक्षण किया। जांच के दौरान बच्चों के लिए प्रयुक्त खांसी और सर्दी-जुकाम की दवाएं अलग से भंडारित पाई गईं, जिनकी बिक्री पर रोक थी। टीम ने इन दवाओं को सील कर अग्रिम आदेशों तक विक्रय न करने के निर्देश दिए।
इसी क्रम में सेलाकुई स्थित औषधि विनिर्माण इकाइयों का भी निरीक्षण किया गया, जहां से चार नमूने गुणवत्ता जांच के लिए संकलित किए गए।
रुड़की (हरिद्वार):
औषधि निरीक्षक हरीश सिंह और मेघा की टीम ने गुप्त सूचना पर ग्राम सलीयर स्थित एम/एस फलख नाज़ प्रतिष्ठान पर छापेमारी की। यहां बिना लाइसेंस के सरकारी दवाओं का अवैध भंडारण और बिक्री करते हुए पाया गया।
टीम ने मौके से 12 प्रकार की एलोपैथिक दवाएं जब्त कीं, जिनमें राजस्थान और मध्यप्रदेश सरकार द्वारा आपूर्ति की गई औषधियां भी शामिल थीं। सभी दवाओं को सील कर Drugs and Cosmetics Act, 1940 के तहत आगे की कार्रवाई शुरू की गई।
राज्य सरकार का सख्त रुख
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट कहा है कि बच्चों की सुरक्षा और जनस्वास्थ्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। दो वर्ष से कम आयु के बच्चों को किसी भी परिस्थिति में प्रतिबंधित सिरप नहीं दिए जाने के निर्देश जारी किए गए हैं।
स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि विभाग की कार्रवाई सतत और प्रभावी रहेगी। बच्चों की सुरक्षा में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि औषधि निरीक्षण अभियान निरंतर जारी रहेगा और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अपर आयुक्त (एफडीए) ताजबर सिंह जग्गी ने कहा कि बच्चों के स्वास्थ्य और जनसुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। प्रतिबंधित या मिलावटी औषधियों की बिक्री और भंडारण में लिप्त पाए जाने वालों पर कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। सरकार की प्राथमिकता स्पष्ट है— “जनता, विशेषकर बच्चों को केवल सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण औषधियां ही मिलें।”