
देहरादून, 24 अक्टूबर 2025 (सू.वि.): जिलाधिकारी सविन बंसल की अध्यक्षता में जिला बाल संरक्षण इकाई देहरादून की त्रैमासिक बैठक ऋषिपर्णा सभागार, कलेक्ट्रेट में आयोजित हुई। बैठक में जिला बाल कल्याण और संरक्षण समिति (DCWPC), बाल कल्याण समिति (CWC), चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 तथा बाल भिक्षावृत्ति निवारण प्रयास/इंटेंसिव केयर सेंटर, साधूराम इंटर कॉलेज, राजा रोड देहरादून से संबंधित विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि बालगृहों में रह रहे बच्चों के आधार अपडेशन और नए आधार कार्ड निर्माण के लिए ई-डिस्ट्रीक्ट मैनेजर शेड्यूल तय करें तथा आधार ऑपरेटर उपकरणों सहित बालगृहों में जाकर कार्य करें।
पुलिस को निर्देशित किया गया कि बालगृहों में कार्यरत कार्मिकों का थानेवार रैंडम सत्यापन किया जाए।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी को 10 दिन के भीतर सभी सरकारी एवं गैर-सरकारी संस्थानों में RBSK टीम भेजकर स्वास्थ्य जांच और टीकाकरण कराने के निर्देश दिए गए।
मुख्यमंत्री की प्रेरणा से शुरू किया गया “आधुनिक इंटेंसिव केयर सेंटर” जिला प्रशासन की एक स्वर्णिम पहल है, जिसमें भिक्षावृत्ति से रेस्क्यू किए गए बच्चों को संगीत, योग और खेल से जोड़कर शिक्षा की ओर मोड़ा जा रहा है।
अब तक प्रशासन ने दो चरणों में कुल 82 बच्चों को रेस्क्यू कर स्कूलों में दाखिला दिलाया है — पहले चरण में 51 बच्चों को विभिन्न विद्यालयों में तथा दूसरे चरण में 31 बच्चों को राजकीय प्राथमिक विद्यालय परेड ग्राउंड और साधूराम इंटर कॉलेज में प्रवेश दिलाया गया। इन बच्चों के लिए डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से साधूराम इंटर कॉलेज में आधुनिक इंटेंसिव केयर सेंटर का निर्माण कराया जा रहा है।

बैठक में बताया गया कि जुलाई से सितंबर 2025 के बीच देखभाल एवं संरक्षण हेतु 136 बच्चों को समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जबकि 138 बच्चों को मुक्त किया गया।
भिक्षावृत्ति में संलिप्त 70 और बालश्रम में संलिप्त 14 बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया। अन्य राज्यों के 6 बच्चों को उनके परिजनों के पास भेजा गया।
भिक्षावृत्ति में संलिप्त बच्चों के रेस्क्यू के लिए जिला प्रशासन ने अंतरविभागीय टीम और 3 रेस्क्यू वाहन तैनात किए हैं, जो निरंतर पेट्रोलिंग करते हैं। इस टीम में होमगार्ड, चाइल्ड हेल्पलाइन, शिक्षा, श्रम, पुलिस विभाग के साथ कई गैर-सरकारी संस्थाएं शामिल हैं।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि वार्ड स्तरीय और ग्राम स्तरीय बाल संरक्षण समितियों को सक्रिय किया जाए। नगर निगम देहरादून/ऋषिकेश एवं जिला पंचायती राज अधिकारी को कहा गया कि मिशन वात्सल्य गाइडलाइन के अंतर्गत ब्लॉक, ग्राम, नगर पंचायत, नगरपालिका व नगर निगम स्तर पर बाल संरक्षण समितियों का गठन करें और अनटाइड अनुदान का 5 प्रतिशत बच्चों के कल्याण एवं सुरक्षा पर व्यय करें।
साथ ही जिन संस्थाओं का पंजीकरण नहीं है, उन्हें JJ एक्ट के अंतर्गत पंजीकृत कराने के निर्देश दिए गए।
बैठक में मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना, मिशन वात्सल्य स्पॉन्सरशिप योजना, नवीन बालगृहों और खुला आश्रय गृहों के पंजीकरण, दत्तक ग्रहण एजेंसी, और चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 से प्राप्त मामलों की समीक्षा की गई।
अनाथ बालकों/बालिकाओं के अनाथ प्रमाण पत्र, स्थायी निवास प्रमाण पत्र, आधार, आयुष्मान व राशन कार्ड बनवाने में आ रही कठिनाइयों पर चर्चा कर संबंधित विभागों को समयबद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए गए।

विगत तीन माह में चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 में प्राप्त बाल श्रम, भिक्षावृत्ति, शिक्षा, नशे की लत, अनाथता, यौन उत्पीड़न, बाल विवाह आदि से जुड़े मामलों पर फॉलो-अप की जानकारी साझा की गई।
श्री सत्य साईं सेवा आश्रम, आमवाला में रह रहे दिव्यांग बालकों के लिए राजकीय प्राथमिक विद्यालय आमवाला, ब्लॉक सहसपुर में विशेष शिक्षक की व्यवस्था के निर्देश भी दिए गए।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, अपर जिलाधिकारी के.के. मिश्रा, मुख्य शिक्षा अधिकारी विनोद कुमार, जिला प्रोबेशन अधिकारी मीना बिष्ट, जिला पूर्ति अधिकारी के.के. अग्रवाल, जिला बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष नमिता ममगांई, पुलिस क्षेत्राधिकारी नगर सहित विभिन्न एनजीओ प्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित रहे।