
देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने सड़क सुरक्षा को लेकर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य की सड़कों पर सुरक्षा मानकों का मूल्यांकन करने के लिए नौ एजेंसियों का चयन किया गया है। इन एजेंसियों को एक वर्ष के लिए पंजीकृत किया गया है, जो सड़कों की सुरक्षा, डिजाइन, ढलान, मोड़, संकेतक, ब्लैक स्पॉट्स और अन्य तकनीकी पहलुओं का गहन अध्ययन करेंगी।
राज्य में हर साल सड़क हादसों में औसतन 1000 से 1400 लोगों की जानें जाती हैं। परिवहन विभाग और पुलिस विभाग लगातार सड़क सुरक्षा उपायों को बेहतर बनाने के प्रयास कर रहे हैं, लेकिन अब तक कई जगहों पर सुधार की गुंजाइश बनी हुई है।
मूल्यांकन की प्रक्रिया
इन एजेंसियों को राज्य के विभिन्न जिलों की सड़कों का फिजिकल ऑडिट करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वे सड़कों की वर्तमान स्थिति, ट्रैफिक लोड, संकेतक व्यवस्था, और दुर्घटनाओं के संभावित कारणों की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेंगी। इसके आधार पर सड़क सुरक्षा सुधार योजना (Road Safety Improvement Plan) बनाई जाएगी।
फोकस क्षेत्र
ब्लैक स्पॉट्स की पहचान और सुधार
सड़क किनारे संकेतों और सुरक्षा अवरोधों की स्थिति
मोड़ों, पुलों और ढलानों पर चेतावनी संकेतक
सड़क निर्माण की गुणवत्ता और रखरखाव
ट्रैफिक प्रवाह का विश्लेषण और सुधार के सुझाव
सरकार की प्राथमिकता
राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि सड़क सुरक्षा केवल प्रशासनिक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि सामाजिक उत्तरदायित्व भी है। नई एजेंसियों की रिपोर्ट के आधार पर, आने वाले समय में सड़क डिजाइन और यातायात प्रबंधन में बड़े बदलाव किए जा सकते हैं।
परिवहन विभाग ने बताया कि इन एजेंसियों की सिफारिशों को लागू करने के लिए एक सड़क सुरक्षा टास्क फोर्स बनाई जाएगी, जो समय-सीमा के भीतर सुधार कार्यों की निगरानी करेगी।