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आध्यात्मिक राजधानी की ओर बढ़ता उत्तराखंड: 2047 तक आध्यात्मिक केंद्र बनने की तैयारी

देहरादून: उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य को विश्व की आध्यात्मिक राजधानी बनाने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री के इस संदेश के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तुरंत कार्रवाई करते हुए संबंधित विभागों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

राज्य सरकार अब उन परियोजनाओं को तेज गति से आगे बढ़ा रही है, जो उत्तराखंड की धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन पहचान को वैश्विक स्तर पर मजबूत करेंगी। इनमें विशेष रूप से चारधाम यात्रा मार्ग और ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलमार्ग जैसी परियोजनाएँ शामिल हैं, जो न केवल तीर्थ यात्रियों की सुविधा बढ़ाएंगी बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी नई दिशा देंगी।

ऋषिकेश में योग केंद्रों के विस्तार और चौरासी कुटी (बीटल्स आश्रम) के पुनरुद्धार जैसे प्रयास उत्तराखंड की आध्यात्मिक पहचान को नई ऊर्जा दे रहे हैं। सरकार का उद्देश्य है कि योग, ध्यान और अध्यात्म के क्षेत्र में उत्तराखंड को वैश्विक नेतृत्व की भूमिका में स्थापित किया जाए।

राज्य के सांस्कृतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यदि वर्तमान योजनाओं पर इसी गति से काम होता रहा तो वर्ष 2047 तक उत्तराखंड विश्व की आध्यात्मिक राजधानी के रूप में स्थापित हो सकता है।

 

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