
देहरादून: उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पुरातत्व और भू-वैज्ञानिक विशेषज्ञों ने मानव सभ्यता की मौजूदगी के ऐसे साक्ष्य खोजे हैं, जो अब तक की स्थापित मान्यताओं को नए सिरे से परिभाषित करते हैं। शोध के दौरान मिले प्रमाण बताते हैं कि मनुष्य ने इस क्षेत्र में करीब 8100 साल पहले कदम रखे थे। यह खोज न केवल हिमालय के इतिहास को नई दिशा देती है, बल्कि मानव विकास, प्रवासन और बसावट के पैटर्न को समझने में भी महत्वपूर्ण योगदान करती है।
विशेषज्ञों की टीम ने उच्च हिमालयी इलाकों में विस्तृत सर्वेक्षण और वैज्ञानिक परीक्षणों के बाद यह निष्कर्ष निकाला है। शोधकर्ताओं का कहना है कि अब तक माना जाता था कि इन दुर्गम क्षेत्रों में मनुष्य का आगमन अपेक्षाकृत देर से हुआ था, लेकिन नए साक्ष्य यह दर्शाते हैं कि प्रारंभिक मानव समुदाय हजारों वर्ष पहले ही इन ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सक्रिय थे।
अध्ययन में मिले अवशेषों, पत्थर के बने औजारों, कार्बन डेटिंग और भू-स्तरीय विश्लेषण से यह स्पष्ट होता है कि प्राचीन मानव समूह यहां लंबे समय से मौजूद थे और उन्होंने कठिन जलवायु के बावजूद जीवन यापन के तरीके विकसित कर लिए थे। विशेषज्ञों का कहना है कि यह खोज हिमालयी सभ्यताओं के शुरुआती विकास, जीवनशैली और पर्यावरण के अनुकूलन की प्रक्रिया को समझने में महत्वपूर्ण संदर्भ जोड़ती है।
शोध दल का मानना है कि इस खोज से भारतीय उपमहाद्वीप में मानव प्रवास, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और सभ्यता गठन की समय-सीमा को नए दृष्टिकोण से परखा जाना पड़ेगा। यह अध्ययन आगे और भी विस्तृत शोध को प्रेरित करेगा, जिससे हिमालय के पुरातात्विक इतिहास पर और अधिक प्रकाश डाला जा सकेगा।