
25 नवंबर को कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी की घोषणा एवं पार्षद मीनाक्षी नौटियाल के सहयोग से राजकीय अटल आदर्श इंटर कॉलेज किशनपुर में हैंडपंप बोरिंग कार्य का उद्घाटन किया गया। इस पहल से स्कूल के 650 से अधिक छात्रों के लिए पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित होने की उम्मीद है। स्कूल प्रशासन और स्टाफ ने मंत्री का आभार व्यक्त किया और इस प्रयास को सराहा।

उद्घाटन के बाद बोरिंग स्थल की मिट्टी हटाने का काम शुरू हुआ, लेकिन इस दौरान जो दृश्य सामने आया, उसने कई सवाल खड़े कर दिए। बोरवेल की खुदाई समाप्त होने के बाद कई बच्चे फावड़ा और बेलचा उठाकर मैदान में जमा मिट्टी साफ करते नजर आए, जबकि वहाँ मौजूद अध्यापक काम कर रहे थे।
सबसे चिंताजनक बात यह रही कि, (यह घटना क्लास पीरियड के दौरान हुई) ,
(बच्चों से साफ-सफाई और मिट्टी उठाने का काम करवाया गया)
(यह बच्चों के लिए शारीरिक रूप से जोखिम भरा और शिक्षा के अधिकार के विपरीत है)
कुछ दिन पहले देहरादून के ही एक अन्य सरकारी स्कूल से भी ऐसा ही वीडियो सामने आया था, जहाँ छोटे बच्चे मजदूरों जैसा काम कर रहे थे।
इस तरह की घटनाएँ स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा, अधिकारों और शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं।
स्कूल में बच्चों को पढ़ाई के बजाय ऐसे कार्यों में लगाना न सिर्फ़ अनुचित है, बल्कि शिक्षा के मूल सिद्धांतों और बाल संरक्षण नियमों का भी उल्लंघन करता है।
जरूरत इस बात की है कि ऐसे मामलों पर संज्ञान लिया जाए और स्कूल प्रशासन सुनिश्चित करे कि किसी भी स्थिति में बच्चों से मजदूरी जैसा कार्य न कराया जाए।