
देहरादून: यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में गिरफ्तार असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन चौहान की जमानत याचिका को सीबीआई कोर्ट ने खारिज कर दिया है। जांच एजेंसी द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों में सुमन की भूमिका को लेकर महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए हैं।
चैट और कॉल डिटेल्स बने अहम सबूत
मामले में सामने आया कि परीक्षा से ठीक पहले सुमन और खालिद के बीच बातचीत हुई थी।
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सुबह 7:55 बजे खालिद ने सुमन को मैसेज भेजा—“मैडम थोड़ा टाइम निकाल लो, सिस्टर का एग्जाम है, MCQ सॉल्व कर देना प्लीज।”
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8:02 बजे सुमन ने ‘ओके’ लिखकर जवाब दिया।
सीबीआई ने अदालत को बताया कि ये संदेश पेपर लीक में सुमन की संलिप्तता का सीधा संकेत देते हैं। उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया।
जांच की आंच बॉबी पंवार तक
सीबीआई इससे पहले बेरोजगार संघ के नेता बॉबी पंवार से भी लगभग नौ घंटे तक पूछताछ कर चुकी है।
एजेंसी का दावा है कि सुमन ने पेपर पंवार को उपलब्ध कराया था, जिसके बाद पंवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर परीक्षा का पेपर लीक होने का आरोप लगाया था।
सीबीआई ने 28 नवंबर को सुमन को गिरफ्तार किया था। अब जमानत खारिज होने से उसके लिए कानूनी मुश्किलें और बढ़ गई हैं।