
देहरादून | मिशन शक्ति के तहत महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार तथा महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास निदेशालय, उत्तराखण्ड के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का सफल समापन देहरादून के होटल एन.जे.पोर्टिको, निकट रिस्पना हुआ। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम सावित्रीबाई फुले राष्ट्रीय महिला एवं बाल विकास संस्थान, लखनऊ द्वारा निर्धारित राष्ट्रीय महिला हेल्पलाइन योजनान्तर्गत NIMHANS एवं C-DAC के सहयोग से 18 एवं 19 दिसम्बर 2025 को आयोजित किया गया।
कार्यशाला में प्रदेश के 13 जनपदों से राष्ट्रीय महिला हेल्पलाइन–181, वन स्टॉप सेंटर एवं संकल्प–हब फॉर इम्पावरमेंट ऑफ वूमन से जुड़ी कुल 50 प्रतिनिधियों एवं कार्मिकों ने प्रतिभाग किया। प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को मनो-सामाजिक परामर्श, प्रभावी संचार कौशल, चुनौतीपूर्ण कॉल से निपटने की तकनीक, नैतिक कॉल प्रबंधन, स्व-देखभाल तथा बर्नआउट रोकथाम जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा व्यावहारिक एवं सैद्धांतिक जानकारी प्रदान की गई।
कार्यक्रम के शुभारम्भ अवसर पर राज्य नोडल अधिकारी आरती बलोदी ने सभी विषय विशेषज्ञों एवं प्रशिक्षणार्थियों का स्वागत करते हुए मिशन शक्ति के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि मिशन शक्ति के माध्यम से सरकार महिलाओं की सुरक्षा, संरक्षण एवं सशक्तिकरण को एक संगठित और प्रभावी ढांचे में आगे बढ़ा रही है तथा जमीनी स्तर पर कार्यरत कार्मिक इसकी सबसे मजबूत कड़ी हैं।
इस अवसर पर महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के निदेशक बी.एल. राणा ने कहा कि राष्ट्रीय महिला हेल्पलाइन, वन स्टॉप सेंटर एवं हब फॉर इम्पावरमेंट ऑफ वूमन से जुड़े कार्मिकों को आपसी समन्वय को और मजबूत करते हुए अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करना चाहिए। उन्होंने कार्मिकों से आह्वान किया कि वे अपनी सेवाओं को केवल एक कार्य नहीं, बल्कि जनसेवा की भावना के साथ निभाएं और क्षेत्र स्तर पर महिलाओं एवं किशोरियों की समस्याओं पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करें।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत प्रतिभागियों को समूहों में विभाजित कर प्रशिक्षण के साथ-साथ देहरादून में WHL-181, CHL-1098, नारी निकेतन, वन स्टॉप सेंटर एवं आंगनबाड़ी सह क्रेच (पालना) केंद्रों का शैक्षिक भ्रमण भी कराया गया, जिससे उन्हें व्यवस्थाओं की व्यवहारिक समझ प्राप्त हो सके।
प्रशिक्षण के समापन अवसर पर राज्य महिला आयोग की अध्यक्षा कुसुम कण्डवाल ने सभी प्रतिभागियों को चुनौतीपूर्ण संदेश देते हुए कहा कि भारत सरकार व उत्तराखण्ड सरकार के संयुक्त प्रयास से महिला सुरक्षा तंत्र सशक्त हो रहा है। उन्होंने कहा मिशन शक्ति के तहत कार्यरत वर्कर्स पीड़ित महिलाओं के अधिकारों की रक्षा और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी हैं। उन्होंने वन स्टॉप सेंटर के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि अब इन सेवाओं का ग्राम स्तर तक व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाना आवश्यक है, ताकि हर जरूरतमंद महिला तक सहायता पहुंच सके।
अध्यक्ष कण्डवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार तथा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड सरकार द्वारा संचालित महिला सशक्तिकरण योजनाओं की सराहना करते हुए कहा कि मिशन शक्ति, राष्ट्रीय महिला हेल्पलाइन और वन स्टॉप सेंटर जैसी योजनाएं महिलाओं को सम्मान, सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ा रही हैं।
समापन अवसर पर निदेशक बी.एल. राणा ने मिशन शक्ति के अंतर्गत संचालित सभी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु आपसी एवं अंतर्विभागीय समन्वय को और मजबूत करने के निर्देश दिए। अंत में राज्य नोडल अधिकारी आरती बलोदी द्वारा धन्यवाद ज्ञापन करते हुए प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र वितरित किए गए। प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल संचालन संजय प्रकाश, रिसर्च एवं ट्रेनिंग विशेषज्ञ, मिशन शक्ति द्वारा किया गया।