
देहरादून: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की मुस्लिम समुदाय से जुड़ी एक कथित एआई से बनाई गई रील के वायरल होने के बाद प्रदेश की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। इस मामले को लेकर हरीश रावत ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया और नेहरू कॉलोनी थाने पहुंचकर एफआईआर दर्ज कराने की मांग की।
हरीश रावत ने आरोप लगाया कि वायरल रील एआई तकनीक के जरिए गढ़ी गई है, जिसका उद्देश्य उनकी छवि खराब करना और उन्हें झूठे आरोपों में फंसाना है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने पहले भी चुनावों के दौरान इस तरह के झूठ फैलाए हैं और अब एक बार फिर उसी रणनीति पर काम किया जा रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने यह झूठ फैलाया था कि शुक्रवार की जुमे की नमाज के लिए छुट्टी करवाई जाएगी। 2022 में भी आरोप लगाया गया कि कांग्रेस सत्ता में आने पर मुस्लिम यूनिवर्सिटी खुलवाएगी। उन्होंने कहा कि अब इन पुराने आरोपों को एआई के माध्यम से फिर से उछालकर उन्हें देशविरोधी साबित करने की कोशिश की जा रही है।
हरीश रावत ने कहा, “मुझे देशद्रोही बताया जा रहा है, पाकिस्तान को सूचनाएं देने वाला कहा जा रहा है। यह सब एआई के जरिए रचे गए प्रपंच हैं। भाजपा के पास मेरे सवालों का कोई जवाब नहीं है, इसलिए झूठ का सहारा लिया जा रहा है।”
उन्होंने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर ‘प्रमाण दो यात्रा’ निकाली, लेकिन भाजपा आज तक उनके आरोपों के समर्थन में कोई ठोस प्रमाण पेश नहीं कर पाई। हरीश रावत ने साफ कहा कि वे इस बार चुप नहीं बैठेंगे और भाजपा के झूठ का हर स्तर पर पर्दाफाश करेंगे।
पूर्व सीएम ने तीखे शब्दों में कहा, “प्राण चले जाएं, लेकिन भाजपा के झूठ को बेनकाब किए बिना पीछे नहीं हटूंगा। इस बार झूठ की हांडी किसी भी कीमत पर चढ़ने नहीं दी जाएगी।”
इस पूरे मामले को लेकर प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। अब निगाहें पुलिस की कार्रवाई और आगे की राजनीतिक प्रतिक्रिया पर टिकी हैं।