
देहरादून: उत्तराखंड सरकार का 22 साल पुराना हेलीकॉप्टर अब मेंटेनेंस की मांग कर रहा है। नए हेलीकॉप्टर की खरीद के प्रयास वर्ष 2013 से चल रहे हैं, लेकिन तीन बार टेंडर प्रक्रिया रद्द हो चुकी है। सरकार अब फिर से इस पर विचार कर रही है कि नया हेलीकॉप्टर खरीदा जाए या किराये पर लिया जाए। यूकाडा के अनुसार, नए हेलीकॉप्टर की आवश्यकता महसूस की जा रही है, लेकिन अंतिम निर्णय सरकार की अनुमति पर निर्भर करेगा।
वर्ष 2003 में प्रदेश सरकार द्वारा खरीदा गया डबल इंजन हेलीकॉप्टर ईसी-135 अब 22 वर्ष पुराना हो चुका है। यह लगातार रखरखाव की मांग कर रहा है। नए हेलीकॉप्टर की खरीद के लिए 2013 से कवायद जारी है। वर्ष 2013, 2020 और 2023 में टेंडर आमंत्रित करने तक की प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन हर बार किसी न किसी कारण से यह योजना अटक गई। अब एक बार फिर इस पर विचार हो रहा है कि नया हेलीकॉप्टर खरीदा जाए या किराये पर ही काम चलाया जाए।
वर्तमान में प्रदेश सरकार के पास एक एयरबस और एक हेलीकॉप्टर है। एयरबस का उपयोग आमतौर पर मुख्यमंत्री अथवा अन्य गणमान्य व्यक्तियों की अन्य प्रदेशों की यात्राओं में किया जाता है, जबकि पर्वतीय क्षेत्रों की यात्राओं के लिए हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल होता है। जब भी प्रदेश में कोई गणमान्य व्यक्ति आता है या राज्यपाल के लिए हेलीकॉप्टर की आवश्यकता होती है, तो सरकार को किराये पर हेलीकॉप्टर लेना पड़ता है। इसी वजह से लंबे समय से नया हेलीकॉप्टर खरीदने की योजना पर विचार जारी है।
पूर्व में भी सरकार ने हेलीकॉप्टर खरीदने का प्रयास किया था। वर्ष 2013 में इस पर योजना बनी, लेकिन केदारनाथ आपदा के कारण प्रस्ताव पर रोक लग गई। इसके बाद 2020 में प्रक्रिया फिर शुरू हुई, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से यह आगे नहीं बढ़ पाई। अब एक बार फिर नए हेलीकॉप्टर की खरीद या किराये के विकल्प पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।