
01 दिसंबर 2025 देहरादून: विश्व एड्स दिवस केवल एक वैश्विक स्वास्थ्य दिवस नहीं, बल्कि मानवता के प्रति सामूहिक जिम्मेदारी और संवेदनशीलता का प्रतीक है। एचआईवी/एड्स की रोकथाम और जागरूकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उत्तराखंड राज्य एड्स नियंत्रण समिति, स्वास्थ्य विभाग ने 1 दिसंबर 2025 को राजधानी देहरादून में भव्य राज्य स्तरीय जागरूकता रैली का आयोजन किया। इस रैली के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि सही जानकारी और समय पर जांच ही एचआईवी से बचाव का सबसे प्रभावी उपाय है।
इस वर्ष विश्व एड्स दिवस की थीम “Overcoming Disruption, Transforming the AIDS Response” है, जिसे नाको, भारत सरकार ने घोषित किया है। इसी थीम को प्रभावी ढंग से आमजन तक पहुँचाने के लिए गांधी पार्क देहरादून से विशाल रैली निकाली गई। रैली का शुभारंभ अपर परियोजना निदेशक डॉ. अमित शुक्ला, उप निदेशक (वित्त) महेंद्र कुमार, इंडियन रेडक्रॉस सोसायटी के प्रतिनिधि डॉ. अनिल वर्मा और आईईसी प्रभारी अनिल सती द्वारा हरी झंडी दिखाकर किया गया।
शहर भर में जनजागरूकता का संदेश
रैली गांधी पार्क से प्रारंभ होकर घंटाघर, दर्शनलाल चौक, दून चौक, बुद्धा चौक एवं परेड ग्राउंड से होती हुई पुनः गांधी पार्क में सम्पन्न हुई। मार्गभर छात्रों, स्वयंसेवियों, सामाजिक संगठनों और नागरिकों ने बैनर, पोस्टर और नारे के माध्यम से एचआईवी/एड्स से संबंधित मिथकों, सुरक्षित व्यवहार और उपचार संबंधी जानकारी जन-जन तक पहुंचाई।

समापन अवसर पर महत्वपूर्ण संदेश
रैली के समापन पर डॉ. अमित शुक्ला ने कहा कि राज्य एड्स नियंत्रण समिति का लक्ष्य एचआईवी/एड्स से संबंधित सेवाओं को प्रदेश के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना है। उन्होंने बताया कि प्रदेशभर में एआरटी सेंटर, आईसीटीसी, निःशुल्क परीक्षण एवं उपचार सेवाएं नियमित रूप से संचालित हैं, जिनका हजारों लोग लाभ उठा रहे हैं।
उन्होंने कहा, “एचआईवी होना जीवन का अंत नहीं है। आधुनिक उपचार से संक्रमित व्यक्ति सामान्य जीवन जी सकते हैं। इसके लिए समय पर जांच और नियमित उपचार आवश्यक है।”
उन्होंने युवाओं की भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में जागरूकता ही व्यवहार परिवर्तन का सबसे प्रभावी माध्यम है।

विभिन्न संस्थानों की उत्साहपूर्ण भागीदारी
इस राज्य स्तरीय रैली में देहरादून के सरकारी व गैर-सरकारी शिक्षण संस्थान, भारत स्काउट एंड गाइड, नर्सिंग कॉलेज, एनएसएस इकाइयाँ, सामाजिक संगठन, स्वास्थ्य कर्मी, स्वयंसेवी और विभिन्न विभागों के प्रतिनिधियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया।
एड्स नियंत्रण के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता
रैली के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि एचआईवी/एड्स केवल स्वास्थ्य समस्या नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी का विषय है। सरकार, समाज, स्वयंसेवी संस्थाओं, युवाओं और मीडिया के सहयोग से ही एक संवेदनशील एवं सुरक्षित वातावरण का निर्माण संभव है।
कार्यक्रम केवल रैली तक सीमित नहीं रहा, बल्कि राज्य में चल रहे एड्स नियंत्रण अभियानों को और अधिक मजबूत बनाने का भी हिस्सा बना। आगामी महीनों में समिति द्वारा विभिन्न जिलों में जागरूकता कार्यक्रम, सामुदायिक संवाद, स्वास्थ्य शिविर और परामर्श गतिविधियाँ जारी रहेंगी।
विश्व एड्स दिवस पर आयोजित यह रैली एक सफल आयोजन होने के साथ-साथ उत्तराखंड का सामूहिक संकल्प भी है कि राज्य एचआईवी मुक्त समाज की दिशा में दृढ़तापूर्वक आगे बढ़ता रहेगा।