
पिथौरागढ़ : आधिकारिक जानकारी के अनुसार, आगामी मई महीने से आदि कैलाश और ओम पर्वत की यात्रा शुरू होने जा रही है। पिछले साल भी बड़ी संख्या में पर्यटकों ने आदि कैलाश की यात्रा की थी। यात्रा की तैयारियों का जायजा लेने के लिए पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी ग्राउंड जीरो पर पहुंचे। उन्होंने अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए और यात्रा की सभी व्यवस्थाओं को सुनिश्चित किया।
दो दिवसीय दौरे के दौरान जिलाधिकारी ने किया निरीक्षण
जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी ने अपनी यात्रा के पहले दिन गुंजी और कुटी में लोगों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को सुना। इसके अलावा, उन्होंने आदि कैलाश पर्वत और पार्वती कुंड स्थित शिव मंदिर का दौरा भी किया और यात्रियों के लिए की गई व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। दूसरे दिन उन्होंने नदी के उद्गम स्थान काला पानी और नाभि ढांग का दौरा किया, जहां उन्होंने ओम पर्वत के दर्शन किए और यात्री सुविधाओं का जायजा लिया।
मुख्य सुविधाओं की बहाली की गई
जिलाधिकारी ने बताया कि यात्रा के दौरान पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए सभी जरूरी सुविधाएं जैसे पेयजल, विद्युत, दूरसंचार, खाद्यान्न, सड़क, परिवहन, शौचालय आदि सुनिश्चित कर दी गई हैं। पार्वती सरोवर स्थित शिव मंदिर के कपाट दो मई को खुलेंगे, और श्रद्धालु 28 अप्रैल से इनर लाइन परमिट के लिए वेबसाइट पर आवेदन कर सकेंगे। 30 अप्रैल से इनर लाइन पास जारी किए जाएंगे।
सुरक्षा और सुविधाओं का विशेष ध्यान
जिलाधिकारी ने पर्यटकों और श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे अधिक से अधिक संख्या में यात्रा पर आएं और इस दिव्य धाम के दर्शन कर आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त करें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि यात्रा मार्ग पर बर्फबारी के कारण क्षतिग्रस्त शेड की मरम्मत जल्दी की जाए। इसके अलावा, पानी और शौचालय की सुविधाओं को भी प्राथमिकता पर सुनिश्चित किया जाए।
सड़क निर्माण कार्य और यात्री सुविधाएं
धारचूला से गूंजी के बीच सड़क निर्माण का कार्य जारी है। बीआरओ (बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन) को निर्देश दिए गए हैं कि वे पांच मई तक सड़क कार्य पूरा करें ताकि यात्रियों को किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। जिलाधिकारी ने कुटी और वाइब्रेंट विलेज के स्थानीय निवासियों से भी यात्रा को सफल बनाने के लिए सहयोग की अपील की।
यात्रियों के लिए टैक्सी और घोड़े सवारी की व्यवस्था
जिलाधिकारी ने कुटी की जनता को सुझाव दिया कि वे घोड़े सवारी के साथ-साथ टैक्सी की सुविधा भी प्रदान करें, जिससे यात्रियों का समय बच सके और स्थानीय लोगों की आय में भी वृद्धि हो। साथ ही, टैक्सी किराए और घोड़े सवारी के रेट्स को रेग्यूलेट करने की सलाह दी, ताकि यह यात्रियों के लिए सुलभ हो।
जिलाधिकारी का विश्वास
जिलाधिकारी ने कहा कि इस साल अधिक यात्रियों के आने की संभावना है और जिला प्रशासन यात्रियों की सुरक्षा और सुविधाओं के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि आईटीबीपी, भारतीय सेना और बीआरओ के सहयोग से ही यात्रा की सफलतापूर्वक समापन किया जा सकेगा।