टेस्ट क्रिकेट से संन्यास के बाद आध्यात्मिक राह पर विराट कोहली, वृंदावन में संत प्रेमानंद से ली शरण

भारतीय क्रिकेट के दिग्गज बल्लेबाज़ विराट कोहली ने सोमवार को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी और संन्यास के ठीक अगले दिन मंगलवार सुबह वे अपनी पत्नी अनुष्का शर्मा के साथ वृंदावन पहुंचे। यहां उन्होंने श्रीराधे हित केली कुंज आश्रम में प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज से मुलाकात की और उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया।
कोहली और अनुष्का की यह आध्यात्मिक यात्रा न केवल उनके जीवन में एक नए अध्याय की शुरुआत का संकेत देती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि विराट अब मानसिक और आत्मिक संतुलन की ओर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। आश्रम सूत्रों के अनुसार, यह मुलाकात बेहद आत्मीय और विचारशील रही, जहां कोहली ने संत प्रेमानंद से जीवन, असफलता और साधना पर गहन चर्चा की।
वृंदावन में बिताए साढ़े तीन घंटे
कोहली और अनुष्का सुबह लगभग छह बजे श्रीराधे हित केली कुंज आश्रम पहुंचे और करीब साढ़े नौ बजे वहां से रवाना हुए। इस दौरान दोनों ने संत के साथ लगभग साढ़े तीन घंटे बिताए। आध्यात्मिक चर्चाओं में विराट ने यह सवाल भी किया कि व्यक्ति असफलता से कैसे बाहर निकल सकता है। इस पर संत प्रेमानंद ने उन्हें अभ्यास जारी रखने और मन को स्थिर करने की सलाह दी।
पहले भी हो चुके हैं दर्शन
यह पहली बार नहीं है जब विराट संत प्रेमानंद से मिले हों। जनवरी 2023 में भी कोहली और अनुष्का इसी आश्रम में पहुंचे थे और संत महाराज से मार्गदर्शन लिया था। माना जा रहा है कि कोहली का यह आध्यात्मिक जुड़ाव उनके जीवन के फैसलों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
सिर्फ वनडे और आईपीएल में दिखेंगे विराट
विराट कोहली ने सोमवार को एक भावुक इंस्टाग्राम पोस्ट के ज़रिए टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहा था। उन्होंने अपने 14 साल लंबे टेस्ट करियर को याद करते हुए लिखा कि इस सफर ने उन्हें बहुत कुछ सिखाया है। वह पहले ही टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं और अब सिर्फ वनडे प्रारूप और आईपीएल में खेलते दिखाई देंगे। कोहली जल्द ही रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) टीम के साथ जुड़ेंगे और एक बार फिर टीम को पहली बार चैंपियन बनाने की कोशिश करेंगे।
टेस्ट क्रिकेट से संन्यास के बाद विराट कोहली का यह आध्यात्मिक कदम यह दर्शाता है कि वह अब जीवन के नए पड़ाव में प्रवेश कर चुके हैं। संत प्रेमानंद से उनकी यह भेंट न केवल व्यक्तिगत शांति की ओर इशारा करती है, बल्कि उनके विचारशील और संतुलित व्यक्तित्व की झलक भी देती है।