अमरनाथ यात्रा 2025: अब तक 90 हजार श्रद्धालुओं ने किए दर्शन, यात्रा शांतिपूर्वक जारी | सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त, श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर

श्रीनगर : वार्षिक अमरनाथ यात्रा 2025 पूरी आस्था और सुरक्षा व्यवस्था के बीच तीव्र गति से आगे बढ़ रही है। यात्रा के सातवें दिन तक 90,000 से अधिक श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन कर चुके हैं। हर दिन श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा हो रहा है।
मंगलवार सुबह 7,541 श्रद्धालुओं का एक और जत्था जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से कश्मीर घाटी की ओर रवाना हुआ। यह जत्था दो सुरक्षा काफिलों में रवाना किया गया—जिसमें पहला काफिला 148 वाहनों में 3,321 यात्रियों को लेकर बालटाल, जबकि दूसरा 161 वाहनों में 4,220 श्रद्धालुओं को लेकर पहलगाम* आधार शिविर की ओर बढ़ा।
यात्रा में बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था
22 अप्रैल के आतंकी हमले के मद्देनज़र इस वर्ष यात्रा के दौरान अत्यधिक सुरक्षा इंतज़ाम किए गए हैं। जम्मू से लेकर पवित्र गुफा तक सभी शिविरों, ट्रांजिट कैंपों और रास्तों पर सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है। ड्रोन निगरानी, बम निरोधक दस्ते और मेडिकल इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीमों को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है।
पंजीकरण में तीव्रता, स्थानीयों का भी मिल रहा सहयोग
अमरनाथजी श्राइन बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक न केवल पूर्व-पंजीकृत तीर्थयात्री, बल्कि बड़ी संख्या में श्रद्धालु ट्रांजिट शिविरों और आधार शिविरों में मौके पर ही रजिस्ट्रेशन कर यात्रा में शामिल हो रहे हैं।
यात्रा को लेकर स्थानीय कश्मीरी समुदाय का पूर्ण सहयोग मिल रहा है। पहले जत्थे का मालाओं और तख्तियों के साथ स्वागत कर स्थानीय लोगों ने सौहार्द का मजबूत संदेश दिया है।
दो मुख्य मार्ग, श्रद्धालुओं की पसंद
यात्रा दो प्रमुख मार्गों से की जा रही है:
बालटाल मार्ग (14 किमी)– यह छोटा लेकिन कठिन मार्ग है, जहां से श्रद्धालु एक दिन में यात्रा कर लौट सकते हैं।
पहलगाम मार्ग (46 किमी)– पारंपरिक मार्ग, जिसमें श्रद्धालु चंदनवाड़ी, शेषनाग और पंचतरणी होते हुए चार दिन में गुफा तक पहुंचते हैं।
धार्मिक महत्त्व और लोक आस्था
अमरनाथ गुफा को हिंदू धर्म में गहन धार्मिक महत्व प्राप्त है। मान्यता है कि इसी गुफा में भगवान शिव ने माता पार्वती को अमरता का रहस्य बताया था। ऐसा कहा जाता है कि उस दौरान गुफा में दो कबूतर भी मौजूद थे, जो आज भी प्रतीकात्मक रूप से वहां दिखाई देते हैं।
यात्रा की समाप्ति
3 जुलाई से शुरू हुई यह यात्रा 38 दिनों तक चलेगी और 9 अगस्त 2025 को श्रावण पूर्णिमा एवं रक्षाबंधन के दिन समाप्त होगी। देश-विदेश से आ रहे श्रद्धालु इस यात्रा में श्रद्धा के साथ भाग ले रहे हैं और प्रशासन भी उनकी सुरक्षा और सुविधा के लिए निरंतर सक्रिय है। अमरनाथ यात्रा एक बार फिर आस्था, अनुशासन और सहिष्णुता की मिसाल बन रही है।