उत्तराखंडरुद्रप्रयाग

बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने सीता माता मंदिर चांई और नृसिंह मंदिर ज्योतिर्मठ का स्थलीय निरीक्षण किया

ज्योर्तिमठ, 4 अक्टूबर: बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने आज सीता माता मंदिर चांई में जीर्णोद्धार, नवनिर्माण और सौंदर्यीकरण के लिए स्थलीय अवलोकन किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने मंदिर परिसर, पूजा स्थल और व्यवस्थाओं का जायजा लिया और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

सीता माता मंदिर चांई में पूजा अर्चना पुजारी सुशील चंद्र डिमरी द्वारा संपन्न कराई गई। इसके बाद हेमंत द्विवेदी और अन्य पदाधिकारी नृसिंह मंदिर ज्योतिर्मठ पहुंचे और मंदिर कार्यालय, परिसर, सीसीटीवी कक्ष और गद्दी स्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने कर्मचारियों की उपस्थिति पंजिका, बायोमैट्रिक मशीन लगाने, सूचना बोर्ड स्थापित करने और मंदिर सौंदर्यीकरण के निर्देश दिए।

सीता माता मंदिर चांई का ऐतिहासिक महत्व भी उल्लेखनीय है। यह स्थल वेदवती शिला के रूप में माता सीता की विरासत से जुड़ा है। मंदिर समिति ने श्रद्धालुओं और स्थानीय जनमानस से सहयोग लेकर नवनिर्माण एवं जीर्णोद्धार की योजना तैयार की है और डीपीआर भी तैयार है।

इस अवसर पर उपाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती, उपाध्यक्ष विजय कप्रवाण, मुख्य कार्याधिकारी/कार्यपालक मजिस्ट्रेट विजय प्रसाद थपलियाल, भुवन चंद्र उनियाल, विपिन तिवारी, गिरीश रावत, प्रमोद नौटियाल, महिला मंगल दल की अध्यक्ष रोशनी देवी, यशोदा देवी, ममता देवी सहित कई अधिकारी और स्थानीय प्रतिनिधि मौजूद रहे।

हेमंत द्विवेदी ने बताया कि ज्योतिर्मठ में नृसिंह मंदिर सहित आदि गुरु शंकराचार्य गद्दी स्थल स्थित है और शीतकालीन पूजा ज्योर्तिमठ एवं योग बदरी पांडुकेश्वर में संपन्न होती है, जो इस स्थान के विशेष महत्व को दर्शाता है।

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