
देहरादून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। भारत ने सिंधु जल संधि पर रोक लगाकर पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि यह कदम देश की ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ नीति को मजबूत करता है और यह स्पष्ट संदेश देता है कि भारत अब किसी भी आतंकी हमले को बर्दाश्त नहीं करेगा।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के कुशल और निर्णायक नेतृत्व में हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक में लिए गए निर्णयों पर तेजी से कार्रवाई प्रारंभ हो चुकी है। सिंधु जल संधि पर रोक के साथ-साथ अटारी बॉर्डर चेक पोस्ट को बंद करने जैसे फैसले यह दिखाते हैं कि भारत अब केवल निंदा तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि हर मोर्चे पर सख्त कदम उठाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, “अब खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते।” उनका यह बयान पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश देता है कि आतंकवाद को पनाह देने की कीमत अब चुकानी होगी। उन्होंने कहा कि यह फैसला पाकिस्तान के उन मंसूबों को चकनाचूर कर देगा, जो भारत में अस्थिरता फैलाने की साजिशें रचते हैं।
सिंधु जल संधि, जो वर्ष 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुई थी, अब सवालों के घेरे में है। भारत सरकार के इस कदम से यह भी संकेत मिल रहे हैं कि यदि पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन बंद नहीं करता, तो उसे और भी कड़े कदमों का सामना करना पड़ सकता है।
इस निर्णायक फैसले ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि भारत अब हर हमले का मुँहतोड़ जवाब देने को पूरी तरह तैयार है।