उत्तराखंड एसटीएफ की बड़ी कार्रवाई: नकली दवाई गिरोह का मुखिया गिरफ्तार
प्रतिष्ठित कंपनियों के नाम से बनाई जा रही थीं नकली दवाइयां

देहरादून: उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए नकली दवाई निर्माण गिरोह के मुखिया को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह प्रतिष्ठित दवा कंपनियों के ब्रांड नाम का दुरुपयोग करते हुए नकली दवाइयों का निर्माण और विक्रय कर रहा था।
मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी
एसएसपी एसटीएफ नवनीत सिंह भुल्लर की अगुवाई में 27 जून 2025 को नवीन बंसल पुत्र महावीर प्रसाद बंसल को राजस्थान के भिवाड़ी स्थित आशियाना गार्डन से गिरफ्तार किया गया। यह व्यक्ति इस अवैध धंधे का मुख्य संचालक था।
जांच में पता चला कि आरोपी नवीन बंसल का काम करने का तरीका बेहद व्यवस्थित था:
- देहरादून के संतोष कुमार से नकली रैपर, आउटर बॉक्स, लेबल और क्यूआर कोड छपवाता था
- सेलाकुई देहरादून, बद्दी हिमाचल, चंडीगढ़ आदि से नकली दवाइयों की पैकिंग कराता था
- तैयार नकली दवाइयों को दिल्ली, राजस्थान और हरियाणा के बाजारों में बेचता था
- टैक्स चोरी के साथ-साथ भारी मुनाफा कमाता था
प्रभावित ब्रांड्स
गिरोह द्वारा निम्नलिखित प्रतिष्ठित कंपनियों के ब्रांड नाम का दुरुपयोग किया जा रहा था:
- ग्लेनमार्क (टेल्मा एएम, टेल्मा 40)
- इप्का लेबोरेटरीज (जीरो डीओएल एसपी)
- इंटास फार्मा (गैबापिन एनटी)
- एल्केम स्वास्थ्य विज्ञान (पैन 40, पैन एल)
- डॉ. रेड्डीज़ लैबोरेट्रीज़ (वोवेरन एसआर 100)
- कैडिला फार्मास्यूटिकल्स (कोडेक्टस टीआर कफ सिरप
पुलिस महानिदेशक श्री दीपम सेठ के निर्देश पर एसटीएफ द्वारा इस मामले में विशेष कार्रवाई की गई थी। विभिन्न दवा कंपनियों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से लगातार शिकायतें मिल रही थीं।
पहले 1 जून 2025 को संतोष कुमार को सेलाकुई देहरादून से गिरफ्तार किया गया था। उसी की पूछताछ के दौरान मिली जानकारी के आधार पर मुख्य आरोपी नवीन बंसल तक पहुंचा जा सका।
नवीन बंसल का आपराधिक रिकॉर्ड साफ नहीं है। वर्ष 2018 में दिल्ली क्राइम ब्रांच में नकली दवाई फैक्ट्री के मामले में उसके खिलाफ केस दर्ज है। अन्य राज्यों से भी जानकारी एकत्र की जा रही है।
एसटीएफ टीम इस नकली दवाई निर्माण गिरोह के अन्य सदस्यों और शामिल कंपनियों की पहचान के लिए गहन जांच कर रही है। यह मामला जनस्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा था।
पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि वे दवाइयां खरीदते समय सावधानी बरतें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें।