
मुंबई: उद्योगपति अनिल अंबानी की दिवालिया दूरसंचार कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस को केनरा बैंक से बड़ी राहत मिली है। बैंक ने कंपनी के ऋण खाते से “धोखाधड़ी” (फ्रॉड) का टैग हटा लिया है। गुरुवार को बॉम्बे हाईकोर्ट को केनरा बैंक ने सूचित किया कि उसने रिलायंस कम्युनिकेशंस और उसकी इकाई पर लगाए गए धोखाधड़ी के आरोप को वापस ले लिया है। यह फैसला कंपनी और बैंक के बीच चल रही कानूनी लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जा रहा है।
दरअसल, केनरा बैंक ने 2017 में रिलायंस कम्युनिकेशंस को 1,050 करोड़ रुपये का ऋण स्वीकृत किया था, जिसका उद्देश्य पूंजीगत व्यय और मौजूदा कर्ज चुकाना था। लेकिन बाद में बैंक ने आरोप लगाया कि इस ऋण का दुरुपयोग किया गया और कंपनी ने नियमों का उल्लंघन करते हुए भुगतान में चूक की। 9 मार्च 2017 को यह खाता एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) घोषित कर दिया गया था। इसके बाद, 5 नवंबर 2024 को बैंक ने कंपनी को एक पत्र लिखकर इसे फ्रॉड अकाउंट घोषित कर दिया था।
हालांकि अब बैंक के फैसले को पलटने से अनिल अंबानी की कंपनी को बड़ी राहत मिली है और यह कदम उसके दिवालियापन समाधान प्रक्रिया में भी सहायक हो सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस फैसले से रिलायंस कम्युनिकेशंस के भविष्य के पुनर्गठन प्रयासों को नया जीवन मिल सकता है।