
देहरादून।
रिवर्स पलायन संवाद (द्वितीय चरण) और 8 वा दून योग महोत्सव 2023 राजधानी देहरादून में 21 से 23 अप्रैल तक उत्तराखंडी संस्कृति, संस्कारों, रीति रिवाजों, खान पान, पारम्परिक वेशभूषा बोली भाषा की गूंज रहेगी यह जानकारी संस्कार परिवार देवभूमि ट्रस्ट के संस्थापक आध्यात्मिक गुरु आचार्य बिपिन जोशी ने आज उत्तरांचल प्रेस क्लब देहरादून में आयोजित पत्रकार वार्ता में दी। पदमश्री डा0 माधुरी बड़थ्वाल और मंडली द्वारा मांगल गीतों गायन के साथ आरंभ हुई पत्रकार वार्ता में लोकगीतों, उत्तराखंडी संगीत का महत्व बड़थ्वाल द्वारा बताया गया किस प्रकार संगीत की उत्पत्ति देवभूमि उत्तराखंड से हुई। कार्यक्रम के सूत्रधार आचार्य बिपिन जोशी ने बताया संस्कार परिवार देवभूमि ट्रस्ट देहरादून द्वारा बी एस नेगी महिला पॉलीटेक्निक ओ एन जी सी राजेंद्र नगर कोलागढ़ रोड देहरादून के सहयोग से इस तीन दिवसीय रिवर्स पलायन संवाद में जहां पलायन रोकने के लिए राज्य के गावों के चहुंमुखी विकास पर संवाद कार्यक्रम तो होंगे ही, साथ ही राज्य के सक्षम लोगों से पर्वतीय ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार के साधन, स्कूल, अस्पताल, आदि खोलने का भी आहवान किया जाएगा। निशुल्क योग शिविर, योग पर आधारित प्रतियोगिताएं आयोजित की जायेगी, उत्तराखंड को वेलनेस का एक बड़ा हब बनाने के उद्देश्य से यहां के गावों के योग और आयुर्वेद ग्राम के रुप में विकास पर भी बृहद चिंतन मनन किया जाएगा। तीन दिनों तक मांगल गीतों, सगुन आंखरो, लोकगीतों का निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जाएगा साथ ही गढ़वाली, कुमाऊनी, जोनसारी भेष भूषा, रीति रिवाजों, खान पान, भाषा पर आधारित कार्यक्रम होंगे और राज्य के समृद्ध संस्कृति पर आधारित चित्रकला प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाएंगी, ढोल, दमाऊ, हुड़का आदि को बजाने का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। सभी कार्यक्रम निःशुल्क होंगे पलायन रोकने रिवर्स पलायन के लिए सार्थक प्रयास करने वाले महानुभावों, योग के लिए विशिष्ठ योगदान देने वाली हस्तियों को सम्मानित भी किया जाएगा। पत्रकार वार्ता में बीना रावत, वंदना कोटनाला, अराधना रावत, पुष्पा डुकरान, सुषमा नेथानी, जितेन्द्र मलिक, योग शिक्षक विनय कुमार, योग शिक्षिका बिमला देशवाल मनुजेंद बड़थ्वाल आदि का विशेष सहयोग रहा।