
देहरादून, 23 दिसंबर: भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं श्री बदरीनाथ–केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने राज्य सरकार द्वारा सरकारी विद्यालयों में गीता के श्लोकों का पाठ तथा रामायण और महाभारत को पाठ्यक्रम में शामिल करने के निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि यह पहल भारतीय संस्कृति और सनातन परंपरा को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
हेमंत द्विवेदी ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिशा-निर्देशों में प्रदेश निरंतर प्रगति पथ पर अग्रसर है। समान नागरिक संहिता (यूसीसी), नकल विरोधी कानून और जनता के द्वार जैसे कार्यक्रमों से आम जनमानस को सीधा लाभ मिल रहा है। इसी क्रम में शिक्षा व्यवस्था में गीता पाठ को शामिल करना एक दूरदर्शी और ऐतिहासिक निर्णय है।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के इस निर्णय के बाद बीकेटीसी के अधीन संचालित संस्कृत विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में भी गीता पाठ को और अधिक प्राथमिकता दी जा रही है। उनका कहना था कि गीता, रामायण और महाभारत केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला, कर्तव्यबोध, अनुशासन, सत्य और कर्मयोग का मार्ग दिखाने वाले महान ग्रंथ हैं।
बीकेटीसी अध्यक्ष ने कहा कि इन ग्रंथों के अध्ययन से विद्यार्थियों में संस्कार, चरित्र निर्माण और राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी की भावना विकसित होगी। साथ ही नई पीढ़ी अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़कर नैतिक रूप से सशक्त बनेगी।
उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार शिक्षा के साथ-साथ संस्कारों को भी समान महत्व दे रही है। यह निर्णय समाज में सकारात्मक सोच, समरसता और सांस्कृतिक चेतना को बढ़ावा देगा। देवभूमि उत्तराखंड की शिक्षा व्यवस्था में भारतीय ज्ञान परंपरा को स्थान मिलना गौरव की बात है।
अंत में हेमंत द्विवेदी ने विद्यालयों में गीता के श्लोकों के पाठ का निर्णय लेने के लिए राज्य सरकार और मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।