
नालंदा। जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में देश की रक्षा करते हुए बिहार के नालंदा जिले के जवान सिकंदर राउत ने अपनी जान की बाजी लगा दी। बीएसएफ (BSF) में तैनात सिकंदर पाकिस्तान की ओर से हुई गोलीबारी और आतंकी मुठभेड़ में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। जैसे ही शहादत की खबर उनके पैतृक गांव उतरथु (बिंद थाना क्षेत्र) पहुंची, पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई।
शहीद जवान के चचेरे भाई रामरतन राउत ने बताया कि कुछ महीने पहले सिकंदर की पोस्टिंग रांची में थी, लेकिन सीमा पर बिगड़ते हालात को देखते हुए उन्हें जम्मू-कश्मीर भेजा गया था। वहीं पर ड्यूटी के दौरान आतंकी मुठभेड़ में वह घायल हो गए।
परिवार में पसरा मातम
सिकंदर राउत की शादी लगभग 10 साल पहले हुई थी। उनके परिवार में पत्नी और दो छोटे बेटे हैं। बड़े बेटे की उम्र 8 साल और छोटे की 4 साल है। परिवार को शहादत की सूचना सबसे पहले मोबाइल पर मिली, जब पत्नी ने कई बार कॉल किया लेकिन जवाब नहीं आया। इसके बाद बीएसएफ अधिकारियों ने आधिकारिक रूप से परिजनों को जानकारी दी।
15 मई को गांव पहुंचेगा पार्थिव शरीर
जानकारी के अनुसार, शहीद सिकंदर राउत का पार्थिव शरीर 15 मई को उनके गांव लाया जाएगा। इसके बाद पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। स्थानीय पुलिस प्रशासन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन बिंद थाना प्रभारी चंदन कुमार सिंह और नालंदा एसपी भारत सोनी ने कहा कि उन्हें इस संबंध में ग्रामीणों के माध्यम से सूचना मिली है, विभागीय स्तर पर पुष्टि की प्रतीक्षा है।
गांव में शोक और गर्व का माहौल
उतरथु गांव में एक ओर जहां मातम पसरा है, वहीं दूसरी ओर ग्रामीणों को अपने बेटे की वीरता पर गर्व भी है। हर कोई सिकंदर राउत की बहादुरी को सलाम कर रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार को शहीद के परिवार को आर्थिक मदद और बच्चों के भविष्य के लिए उचित सहयोग देना चाहिए।