
हरिद्वार: बुद्ध पूर्णिमा स्नान पर्व 2025 के अवसर पर हरिद्वार में लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने की संभावना को देखते हुए हरिद्वार पुलिस ने व्यापक ट्रैफिक प्लान जारी किया है। यह यातायात योजना 11 मई की रात 12 बजे से प्रभावी होगी और स्नान पर्व की समाप्ति तक लागू रहेगी। योजना का उद्देश्य श्रद्धालुओं की सुरक्षित, सुगम और व्यवस्थित आवाजाही सुनिश्चित करना है।
शहरी क्षेत्र हेतु प्रमुख निर्देश:
भारी भीड़ के दौरान भारी वाहनों को हरिद्वार बॉर्डर पर ही रोक दिया जाएगा।
नगलाइमरती से बैरागी कैंप पार्किंग की ओर डायवर्जन लागू होगा।
चीला रोड सिर्फ ऋषिकेश से हरिद्वार आने वाले वाहनों के लिए खुला रहेगा।
चंडी चौक पर दबाव अधिक होने की स्थिति में 4.2 डायवर्जन पॉइंट से वन-वे ट्रैफिक व्यवस्था लागू की जाएगी।
सामान्य ट्रैफिक को गुरुकुल कांगड़ी सर्विस लेन से शंकराचार्य चौक की ओर धीरे-धीरे भेजा जाएगा।
टोल प्लाज़ा पर निकासी का दबाव बढ़ने पर वाहन नहर पटरी की ओर डायवर्ट होंगे।
देहरादून/ऋषिकेश की ओर जाने वाली बसें मोहंड मार्ग से भेजी जाएंगी।
बाहर से आने वाले वाहनों के लिए रूट और पार्किंग व्यवस्था:
1. दिल्ली, मेरठ, मुजफ्फरनगर और पंजाब से आने वाले वाहन
रूट: नारसन → मंगलौर → कोर कॉलेज → गुरुकुल कांगड़ी → शंकराचार्य चौक।
पार्किंग: अलकनंदा, दीनदयाल, पंतद्वीप, चमकादड़ टापू।
वैकल्पिक रूट: लक्सर होकर बैरागी कैंप की ओर।
2. सहारनपुर, हरियाणा, पंजाब से आने वाले वाहन
रूट: मंडावर → भगवानपुर → मोहंड → देहरादून/ऋषिकेश की ओर डायवर्जन।
3. मुरादाबाद/नजीबाबाद से आने वाले वाहन
छोटे वाहन: चिड़ियापुर होकर चंडीचौकी।
बड़े वाहन: 4.2 पॉइंट से डायवर्जन।
पार्किंग: गौरीशंकर, नीलधारा।
4. देहरादून/ऋषिकेश से आने वाले वाहन
रूट: नेपालीफार्म → रायवाला → हरिद्वार।
पार्किंग: लालजीवाला, पंतद्वीप, चमकादड़ टापू।
5. चारधाम से लौटकर दिल्ली/नजीबाबाद की ओर जाने वाले वाहन
दिल्ली: चंडीचौक से NH-344।
नजीबाबाद: श्यामपुर होकर चंडीचौकी।
विक्रम/ऑटो रिक्शा के लिए डायवर्जन:
ऑटो/विक्रम केवल सीमित स्थानों तक ही जाएंगे और वहीं से सवारी उतारकर लौटेंगे।
शिवमूर्ति से ललतारा पुल तक का क्षेत्र ऑटो/विक्रम/टैक्सी के लिए पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।
हरिद्वार पुलिस की अपील:
हरिद्वार पुलिस ने सभी श्रद्धालुओं, वाहन चालकों और स्थानीय नागरिकों से अपील की है कि वे इस ट्रैफिक प्लान का पालन करें, पुलिस का सहयोग करें और बुद्ध पूर्णिमा स्नान पर्व को शांतिपूर्ण, सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाने में भागीदारी निभाएं।